औद्योगिक क्षेत्र में निवेश से बदलेगी छत्तीसगढ़ की तस्वीर, 18 हजार 165 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक निवेश
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य सरकार की ओर से औद्योगिक विकास को गति देने के लिए दूरगामी निर्णय लिए गए। दूरगामी निर्णय का परिणाम यह है कि बीते ढाई वर्षों में छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र में एक हजार 351 उद्योगों में 18 हजार 165 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक निवेश हुआ है। इससे 26 हजार 493 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध हुआ है, जिससे राज्य के औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। राज्य में नवीन औद्योगिक नीति 2019 से 2024 तक लागू की गई है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जनवरी 2019 से मई 2021 तक 510 सूक्ष्म उद्योगों में 218 करोड़ 13 लाख रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।
इससे राज्य के तीन हजार 745 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार 765 लघु उद्योगों में एक हजार 510 करोड़ 37 लाख रुपये के पूंजी निवेश से नौ हजार 968 लोगों को रोजगार मिलेगा। मध्यम 50 उद्योगों में 451 करोड़ 18 लाख रुपये के पूंजी निवेश से तीन हजार 139 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस तरह 17 वृहद उद्योगों के द्वारा 868 करोड़ 54 लाख रुपये के पूंजी निवेश से एक हजार 960 युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
सात मेगा उद्योगों में दो हजार 885 करोड़ 42 लाख रुपये के पूंजी निवेश से चार हजार 802 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। अल्ट्रा मेगा के दो उद्योगों की स्थापना के लिए 12 हजार 231 करोड़ 63 लाख रुपये से अधिक के पूंजी निवेश से दो हजार 879 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। राज्य की नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उद्योगों को बिजली दर में रियायत, अनुदान सहायता, एकल विंडो प्रणाली लागू करने के साथ ही स्थानीय उद्यमियों को प्राथमिकता देने के प्रविधान किए गए हैं।
सात
हजार
करोड़
के
विकास
कार्यों
की
दी
सौगात
शहर
कांग्रेस
कमेटी
के
अध्यक्ष
गिरीश
दुबे
के
नेतृत्व
में
पदाधिकारियों
ने
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
से
मुलाकात
की।
लगभग
तीन
घंटे
चली
मुलाकात
में
कार्यकर्ताओं
ने
अपनी
बात
मुख्यमंत्री
के
समक्ष
रखी।
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
ने
सरकार
की
योजनाओं
और
सरकार
द्वारा
किए
गए
कार्यों
की
जानकारी
दी।
उन्होंने
कहा
कि
कोरोना
काल
में
1700
करोड़
रुपये
की
राजस्व
की
प्राप्ति
हुई।
इस
साल
सात
हजार
करोड़
के
विकास
कार्यों
की
सौगात
प्रदेश
की
जनता
को
दी।
15
साल
के
इतिहास
में
कभी
ऐसा
नहीं
हुआ।
छह
हजार
रुपये
प्रति
वर्ष
भूमिहीन
कृषि
मजदूरों
को
देने
की
घोषणा
की।
इससे
उनकी
आर्थिक
स्थिति
में
सुधार
हो
सके।
मुख्यमंत्री
बघेल
ने
कहा
कि
रायपुर
शहर
को
टेंकर
मुक्त
करने
कल्पना
भी
साकार
हुई।
पदाधिकारियों
ने
चार
सामाजिक
विकास
बोर्ड
के
गठन
पर
आभार
व्यक्त
किया।
पदाधिकारियों
ने
मुख्यमंत्री
को
दिए
सुझाव
योग
आयोग
के
अध्यक्ष
ज्ञानेश
शर्मा
ने
पार्षद
निधि
एवं
पार्षदों
का
मानदेय
को
बढ़ाने
और
फूल
चौक
से
तात्यापारा
रोड
चौड़ीकरण
की
मांग
की।
गिरीश
दुबे
ने
सुझाव
दिया
कि
जिन
वरिष्ठ
नेताओं
की
मृत्यु
कोरोना
काल
के
दौरान
हुई,
उनके
स्वजनों
से
मुख्यमंत्री
मुलाकात
करें।
सभापति
प्रमोद
दुबे
ने
रायपुर
शहर
में
400
करोड़
रुपये
की
लागत
से
हो
रहे
शुद्ध
पेयजल
योजना
की
सराहना
की
और
सड़क
डामरीकरण
की
मांग
की।
कार्यकर्ताओं
ने
स्वामी
आत्मानंद
अंग्रेजी
माध्यम
स्कूल,
मुख्यमंत्री
शहरी
स्लम
स्वास्थ्य
योजना,
दाई
दीदी
क्लीनिक
मोबाइल
यूनिट
जैसी
योजनाओं
की
शुरुआत
की
सराहना
की।
गौ संरक्षण और संवर्धन का काम किसानों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम का हिस्सा: भूपेश बघेल