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मोदी सरकार की वापसी नहीं हुई तो क्या सच में देश 50 साल पीछे चला जाएगा?

By प्रेम कुमार
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने देश के मतदाताओँ को आगाह किया है। अगर बीजेपी नहीं जीती, नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बने तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा। 2014 और 2019 में फर्क साफ बयां हो रहा है। 2014 में उम्मीद और सपने दिखाकर बीजेपी ने वोट मांगे थे, अब 2019 में डर दिखाकर वोट मांगे जा रहे हैं। मान लिया जाए कि निर्मला सीतारमन जो कह रही हैं वह बिल्कुल सही है तो सवाल ये है कि क्या वाकई नरेंद्र मोदी के ना रहने से देश 50 साल पीछे चला जाएगा? इसका उत्तर जानना हो, तो यह समझना होगा कि मोदी के शासनकाल में यानी विगत 5 साल में देश कहां तक पहुंचा है।

मोदी सरकार की वापसी नहीं हुई तो क्या सच में देश 50 साल पीछे

विकास दर में यूपीए सरकार से पीछे रही मोदी सरकार
मोदी सरकार में पुनरीक्षित आंकड़े के अनुसार यूपीए के 10 साल के दौरान औसत विकास दर 8.1 फीसदी रही। उसके मुकाबले मोदी सरकार के कार्यकाल में औसत विकास दर 7.3 फीसदी है। अगर यूपीए सरकार से पहले के वाजपेयी सरकार को याद करें तो विकास का औसत आंकड़ा 5.73 फीसदी है जो पुनरीक्षण से पहले 5.89 फीसदी था। अब सीतारमन बताएं और विश्वास दिलाएं कि जब देश की आर्थिक विकास दर यूपीए सरकार से पिछले 5 साल में कम रही, तो मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में नहीं आने पर देश को नुकसान कैसे होगा?

विदेशी निवेश :

सुषमा स्वराज का दावा है कि मई 2014 और फरवरी 2018 के बीच देश में 14 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है जो 2010-14 के बीच आए विदेशी निवेश से 43 फीसदी ज्यादा है। मगर, सवाल ये है कि अधिक पूंजी निवेश के बावजूद रोज़गार के अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं। आर्थिक विकास की दर परवान क्यों नहीं चढ़ पा रही है।

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45 साल में पीछे चला गया देश
बेरोजगारी पर ये डबल अटैक मोदी सरकार में देखने को मिला। एक तो नये रोज़गार के सृजन में कमी और दूसरा जिनके पास है रोज़गार उनसे भी रोज़गार का छिन जाना। एनएसएसओ के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोज़गारी की दर 6.1 फीसदी है। यानी 1972-73 का रिकॉर्ड टूट गया है जब यह आंकड़ा 6 फीसदी का था।

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सस्टेनेबल इम्प्लॉयमेंट की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से पहले तीन साल के दौरान लगभग 70 लाख नौकरियां खत्म हो गईं। 2016-17 में 1.1 लाख करोड़ लोगों से रोज़गार छिन गये। अकेले नोटबंदी के दौरान ही करीब 35 लाख नौकरियां खत्म हुईं थीं। एसएमई सेक्टर में 35% से 50% तक नौकरियां घटीं।

सवाल ये है कि मोदी सरकार के रहते जब रोज़गार देने में देश पीछे जा रहा है, तो मोदी सरकार के नहीं रहते देश 50 साल आगे कैसे हो जाएगा। वो कौन सी जादू की छड़ी है निर्मला सीतारमण के पास? सरकार के पास गिनाने के लिए एक से एक योजनाएं हैं। मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, योग, जनधन, अंत्योदय, सबके लिए घर, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटी, स्टैंड अप इंडिया। मगर, जब परफॉर्मेंस बताने की बात आती है तो सरकार के पास आंकड़े नहीं होते।

अब तक कोई स्मार्ट सिटी खड़ा नहीं हो सका है। जनधन खाते मोदी सरकार की उपलब्धि जरूर है लेकिन उन खातों में गरीबों के पास पैसे नहीं हैं, यह भी बड़ी सच्चाई है। डिजिटल इंडिया का कार्यक्रम है लेकिन भूखे पेट गरीब डिजिटल सुविधा का क्या करें। मेक इन इंडिया के तहत देश को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग बनाने का सपना दिखाया गया था, मगर मैन्युफैक्चरिंग का जीडीपी में योगदान लगातार गिरता चला गया है।

अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों से गरीबी दूर करने की बात कही गयी। इसे स्किल डेवलपमेंट से जोड़ा गया। मगर, तथ्य बताते हैं कि सबसे ज्यादा बेरोज़गारी 15 से 29 साल के युवाओं में ही है। हर तीसरा युवा बेरोज़गार है। 2019 तक हर सांसद के लिए जरूरी था कि वे 3 गांवों को आदर्श गांव बनाएं। 2019 आ चुका है। अब कोई इस योजना की चर्चा भी नहीं कर रहा है।

कश्मीर में मोदी सरकार बढ-चढ़ कर दावे करती रही है। मगर, खुद लोकसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2018 के बीच 1315 लोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की वजह से मारे गये। इनमें 138 आम नागरिक, 339 सुरक्षा बल और 838 आतंकी थे। हर महीने 28 आतंकी हमले के हिसाब से 1708 आतंकी हमले हुए। सिर्फ 2018 में 614 आतंकी हमले हुए। इसका मतलब है कि हर महीने 51 आतंकी हमले। इन आंकड़ों ने पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं।

मोदी राज में किसानों की हालत और भी बुरी हुई है। आत्महत्याएं बढ़ी हैं। प्रदर्शन बढ़े हैं। इसके बावजूद किसानों में असंतोष की बात को बीजेपी स्वीकार नहीं कर रही है। सवाल ये है कि आखिर कैसे निर्मला सीतारमन की बातों को मान लिया जाए? किस तरह यह विश्वास कर लिया जाए कि मोदी सरकार को अगर एक बार फिर मौका नहीं दिया जाता है तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा।

(ये लेखक के निजी विचार हैं।)

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English summary
If the Modi government is not returning, then will the country actually go back 50 years?
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