बोले केंद्रीय मंत्री डॉ सुभाष सरकार -'काले थे रवींद्रनाथ टैगोर..', भड़की TMC, मचा बवाल
कोलकाता, 19 अगस्त। बंगाल में TMC बनाम BJP की लड़ाई तेज होती जा रही है। ताजा मसला नोबेल पुरस्कार विजेता और महान कवि-लेखक रवींद्रनाथ टैगोर को लेकर है। दरअसल बुधवार को केंद्रीय मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने रवींद्रनाथ टैगोर को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर विवाद पैदा हो गया है। उन्होंने बुधवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में कहा कि 'रवींद्रनाथ टैगोर गोरे नहीं थे, उनका रंग काला था इसलिए उनके परिवार वाले उन्हें गोद में नहीं लेते थे।'

जिस पर तृणमूल आग बबूला हो गई है, उसने इसे गुरुदेव और बंगाल का अपमान बताया है। उसने सरकार के बयान को 'नस्लवादी' करार दे दिया है और इसके लिए उसने भाजपा से माफी मांगने को कहा है।यही नहीं उसने धमकी देते हुए कहा है कि सुभाष सरकार को दोबारा कभी विश्व भारती में घुसने ना दिया जाए। केवल TMC ने ही नहीं बल्कि सीपीआईएम ने भी डॉ सुभाष सरकार के बयान की घोर निंदा की है, उसने कहा कि इस तरह की बातें बीजेपी की नस्लवादी और बंगाली विरोधी सोच को बयां करती है।

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हालांकि अपनी बात करते हुए डॉ सुभाष सरकार ने रवींद्रनाथ की कुछ संस्मरणों का भी जिक्र किया था। मालूम हो कि रवींद्रनाथ ने अपने संस्मरण में लिखा है ' मैं वास्तव में अपनी मां का काला पुत्र था', फिलहाल इस मुद्दे पर टीएमसी ने भाजपा के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोला हुआ है। हालांकि भाजपा की ओर से अभी इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कौन हैं डॉ सुभाष सरकार?
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री डॉ सुभाष सरकार की गिनती बंगाल के चर्चित दिग्गज नेताओं में होती है। साल 2019 में TMC के कद्दावर नेता और राज्य सरकार के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी को हराकर डॉ सुभाष सरकार ने बांकुड़ा से लोकसभा का चुनाव जीता था। मूल रूप से बांकुड़ा जिला के रहने वाले सुभाष सरकार पेशे से चिकित्सक हैं।
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रवींद्रनाथ टैगोर केअनमोल विचार
- मौत प्रकाश को खत्म करना नहीं है, ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है। -
- प्रसन्न रहना बहुत सरल है लेकिन सरल होना बहुत कठिन है।
- सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग, एक ऐसे चाकू की तरह है, जिसमें सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वालों के हाथ से खून निकाल देता है।
- मनुष्य कला में स्वयं को प्रकट करता है न कि अपनी वस्तुओं को।
- आइए, हम यह प्रार्थना ना करें कि हमारे ऊपर खतरा ना आए, बल्कि ये प्रार्थना करे कि हम उनका निडरता से सामना करें।