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भगवान की शरण में युवा बेरोजगार, चिट्ठी लिखकर चितई स्थित प्रसिद्ध गोलज्यू मंदिर में लगाई न्याय की गुहार

युवाओं ने गोलज्यू मंदिर में न्याय की गुहार लगाई

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देहरादून, 1 सितंबर। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण और विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों के विरोध में पूरे प्रदेशभर में युवाओं का गुस्सा देखने को मिल रहा है। जिलों में जहां प्रदर्शन और पुतला दहन किया जा रहा है। वहीं कुछ युवा बेरोजगार अब इस मुद्दे पर न्याय के देवता की शरण में चले गए हैं। युवाओं ने चितई स्थित प्रसिद्ध ग्वल देवता मंदिर में न्याय की गुहार लगाई। युवाओं ने कुमाऊंनी में अर्जी लिखकर मंदिर में चढ़ाई। उन्होंने लिखा कि हे गोलज्यू अब तुमी न्याय करिया।

Young unemployed shelter of God wrote a letter, pleading for justice in the famous Golju temple

चिट्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई

उत्तराखंड में इन दिनों यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण और विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों को लेकर युवाओं में खासा रोष है। जिसका जमकर विरोध हो रहा है। इस बीच बेरोजगार युवक अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं। ऐसे में युवाओं को अब न्याय के देवता से ही आस है। इसके लिए युवाओं ने न्याय के देवता चितई स्थित प्रसिद्ध ग्वल देवता मंदिर चिट्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई। युवाओं ने कुमाऊंनी में चिट्ठी के जरिए गोलज्यू देवता से अपने लिए न्याय मांगा है। पत्र में कुमाऊंनी में लिखा है। हे गोलज्यू अब तुमी न्याय करिया। अर्थात हे प्रभु अब आप ही न्याय कीजिएगा। ये पत्र सोशल मीडिया में भी जमकर वायरल हो रहा है। इस मौके पर युवाओं के कहा कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहा है। रोजगार न मिलने से वे हताश और निराश हैं। उत्तराखंड में नौकरियां रेवड़ियों की तरह बांटी जा रही हैए इससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है। युवाओं ने पेपर लीक और विधानसभा भर्तियों में हुए घोटालों की सीबीआई जांच, परीक्षा का कैलेंडर जारी करने, घोटाले से प्रभावित आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट प्रदान करने की भी मांग की।

चितई गोलू देवता मंदिर, मान्यता है कि यहां भक्तों को न्याय की प्राप्ति होती है

देवभूमि उत्तराखंड हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक है ज​हां कई मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी खास बात और मान्यता है। ऐसे ही एक देवता हैं गोलज्यू महाराज या गोलू देवता। उत्तराखंड में गोलू देवता के कई मंदिर हैं,लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिय अल्मोड़ा जिले में स्थित चितई गोलू देवता का मंदिर है। मान्यता है कि यहां भक्तों को न्याय की प्राप्ति होती है, यहां विराजित देवता को न्याय का देवता भी कहा जाता है। अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता का मंदिर स्थित है, इसे चितई ग्वेल भी कहा जाता है। मंदिर के अन्दर घोड़े में सवार और धनुष बाण लिए गोलू देवता की प्रतिमा है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के एक सेनापति ने 12वीं शताब्दी में करवाया था। इस मंदिर के देवता की शरण में आकर न्याय मिल जाता है। गोलू देवता अपने न्याय के लिए दूर.दूर तक मशहूर हैं। इस मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ और घंटियों की आवाज हमेशा सुनाई देती है। इन्हें राजवंशी देवता के तौर पर पुकारा जाता है। गोलू देवता को उत्तराखंड में कई नामों से पुकारा जाता है। इनमें से एक नाम गौर भैरव भी है। गोलू देवता को भगवान शिव का ही एक अवतार माना जाता है। यहां भक्त चिट्ठी लिखकर अपनी बात रखते हैं।

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English summary
Young unemployed in the shelter of God, wrote a letter, pleading for justice in the famous Golju temple located in Chitai
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