अल्मोड़ा की बाल मिठाई क्यों हैं खास, जो बैडमिटंन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को की है भेंट
पीएम मोदी को लक्ष्य सेन ने दी अल्मोड़ा की बाल मिठाई
देहरादून, 23 मई। बैडमिटंन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अल्मोड़ा की बाल मिठाई भेंट की है। जिसके बाद हर कोई इस खास मिठाई के बारे में जानना चाहते हैं कि आखिर इस मिठाई में ऐसा क्या है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अल्मोड़ा की इस खास मिठाई के बारे में याद रहा और लक्ष्य सेन ने पीएम को उनकी डिमांड पर मिठाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब थॉमस कप की विजेता टीम से बात की थी तो अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन से बाल मिठाई का जिक्र किया था। इस पर लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री को बाल मिठाई भेंट की है।
बाल मिठाई को उत्तराखंड की चॉकलेट भी कहा जाता
उत्तराखंड में मिठाईयों में बाल मिठाई खासा लोकप्रिय है और यह हर जगह पंसद की जाती है। लेकिन इस मिठाई का संबंध कुमाऊं के अल्मोड़ा शहर से है जो कि बाल मिठाई के शहर के नाम से भी जाना जाता है। यह मिठाई चॉकलेट के जैसी दिखाई देती है। बाल मिठाई को उत्तराखंड की चॉकलेट भी कहा जाता है, जो कि खोए से बनाई जाती है। जानकारों का दावा है कि ये मिठाई 7वीं-8वीं सदी में नेपाल से उत्तराखंड आई। जो कि बाद में एक अलग पहचान बनाने लगी।
अंग्रेजों से लेकर महात्मा गांधी तक के साथ जुड़ा है इतिहास
बाल मिठाई को 20वीं सदी में प्रसिद्ध करने का श्रेय लाला जोगाराम को जाता है। जिनकी अल्मोड़ा के लाल बाज़ार में उनकी दुकान हुआ करती थी। जोगा लाल शाह ने ही 1865 में पहली बार बाल मिठाई बनाई थी। स्थानीय लोग बताते हैं कि उस समय जोगाराम की दुकान में ही ये मिठाई बनती थी जिसके लिए वे खास दूध मंगाकर खोया बनाते थे। पहले भूरे रंग की बर्फ़ी तैयार करते थे और फिर बाद में उस पर चाशनी में भीगे हुए खसखस के दाने लपेट देते थे। जानकार बताते हैं कि अल्मोड़ा की बाल मिठाई अंग्रेजों को खूब पसंद आती थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब अल्मोड़ा आए थे, तो बापू को भी बाल मिठाई भेंट की गई थी।
ऐसे तैयार होती है बाल मिठाई
खोये को चीनी मिलाकर तब तक पकाया जाता है, जब तक कि वह दिखने में चॉकलेट के रंग जैसे नहीं हो जाता। कुछ समय तक जमाने के बाद आयताकार टुकड़ों में काट कर चीनी की सफेद गेंदों (खसखस) से सजाया जाता है। बाल मिठाई प्रोटीन लैक्टोज, ग्लूकोज और वसा का ऐसा प्राकृतिक समायोजन है जो शुद्ध दूध से 5 गुना ज्यादा पौष्टिक तत्वों से युक्त हो जाता है। बाल मिठाई के अलावा अल्मोड़ा शहर एक और खास मिठाई के लिए जाना जाता है, जिसका नाम सिंगौड़ी है. यह मिठाई शुद्ध खोया की बनती है। इसे मालू के पत्ते में लपेटकर ग्राहकों को परोसा जाता है।