VPDO भर्ती धांधली के मास्टरमाइंड डॉ आरबीएस रावत, भाजपा हो या कांग्रेस सत्ता के करीबी अधिकारियों में रहे शुमार
VPDO भर्ती धांधली: डॉ आरबीएस रावत सत्ता के काफी करीबी रहे
वर्ष 2016 में आयोजित हुई उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वीपीडीओ परीक्षा में धांधली के मास्टरमाइंड आयोग के पूर्व चेयरमैन और पूर्व पीसीसीएफ डॉ आरबीएस रावत ही माने गए हैं। आरबीएस रावत ने अपने साथ इस धांधली में तत्कालीन सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को भी शामिल किया था। जो कि इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। रावत लंबे समय तक वन विभाग के मुखिया रहे जबकि कांग्रेस सरकार में हरीश रावत ने उन्हें यूकेएसएसएससी का पहला चेयरमैन बनाया और भाजपा के सीएम रहे तीरथ सिंह रावत ने प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया था।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रमुख सलाहकार रहे
डॉ आरबीएस रावत सत्ता के काफी करीबी रहे हैं। भाजपा हो या कांग्रेस हर सरकार में उनके पास अहम जिम्मेदारी रही। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तो उन्हें अपना सलाहकार तक नियुक्त किया था। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रमुख सलाहकार रहे डॉ आरबीएस रावत चमोली के मूल निवासी हैं जिनका पूरा नाम डॉ रघुवीर सिंह रावत है। उत्तराखंड वन विभाग के सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की कई महत्वपूर्ण समितियों से डा आरबीएस रावत जुड़े रहे। सलाहकार बनाने के पीछे रावत को भारतीय वन सेवा के योग्यतम अफसरों में बताया गया।
वन विभाग के मुखिया रहे, हरीश रावत ने बनाया था अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पहला चेयरमैन
रावत लंबे समय तक वन विभाग के मुखिया रहे। वन विभाग के मुखिया रहते हुए डा रावत को तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपर मुख्य सचिव बनाने की पैरवी की थी। लेकिन किसी कारणवश वो इस कुर्सी तक नहीं पहुंच पाए। अनेक अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में काम करने के कारण डॉ रावत की पहचान देश के योग्यतम अफसरों में रही है। रावत को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पहला चेयरमैन नियुक्त किया था। डा रावत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि के उत्तराखंड प्रांत संयोजक भी रहे हैं।
ये भी पढ़ें-VPDO भर्ती 2016 में धांधली का गजब खेल, सचिव की पत्नी के मकान पर तैयार हुआ परिणाम