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उत्तराखंड: चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने खेला 'राजधानी कार्ड', कहीं BJP को भारी ना पड़ जाए ये मुद्दा?

उत्तराखंड: चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने खेला 'राजधानी कार्ड', भराड़ीसैंण को लेकर कांग्रेस को मिला नया चुनावी मुद्दा

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देहरादून, 29 नवंबर। उत्तराखंड में चुनाव से पहले एक बार फिर राजधानी का मुद्दा गर्माने लगा है। धामी सरकार ने चुनाव में जाने से पहले आखिरी विधानसभा सत्र गैरसेंण की जगह देहरादून में आयोजित करने जा रहा है। जिससे मुख्य विपक्षी कांग्रेस को फिर से मुद्दा मिल गया है। ये बात अलग है कि देहरादून में सत्र आयोजित करने से पहले सरकार और विपक्ष में सत्र देहरादून में कराने पर सहमति बन चुकी है। लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत के सोशल मीडिया में पोस्ट से एक बार फिर राजधानी के मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई है।

 Uttarakhand: Congress played Rajdhani Card just before the elections, should this issue be overshadowed by BJP?

राजधानी का मुद्दा गर्माया
उत्तराखंड में 21 साल में राजधानी का मुद्दा अब भी सियासी मुद्दा बना हुआ है। देहरादून में अस्थाई राजधानी के साथ ही भराड़ीसैंण में सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित ​की है। जो कि गैरसेंण में ही आती है। ऐसे में चुनाव से पहले कांग्रेस ने गैरसेंण को एक बार फिर राजधानी बनाने का सियासी दांव खेल दिया है।

कांग्रेस की और से पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि

सरकार भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र नहीं करना चाहती है, क्योंकि सरकार को ठंड लग जाती है। भराड़ीसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करते हैं, मगर उस राजधानी में घोषणा के 2 साल बाद भी अधिकारी तो छोड़िए, कोई चपरासी भी नहीं बैठ रहा है, कोई क्लर्क साहब भी नहीं बैठ रहे हैं। 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की, वो पैकेज कहीं धरती पर नहीं है! यह डबल स्टैंडर्ड भारतीय जनता पार्टी का। आज शीतकालीन सत्र भराड़ीसैंण में, घोषित करने में भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है, बहाने ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस हमेशा भराड़ीसैंण के पक्ष में खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी। अवसर मिलेगा तो भराड़ीसैंण, राज्य की राजधानी होगी।

देहरादून में होगा सत्र, सरकार को घेर रही कांग्रेस
सरकार ने आखिरी विधानसभा सत्र देहरादून में 9 और 10 दिसंबर को आयोजित ​किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले 29 और 30 नवंबर को गैरसेंण में सत्र आयोजित करने की बात की थी, इस बीच राष्ट्रपति का देहरादून दौरा तय हुआ। जिसके बाद सरकार ने सत्र को आगे खिसकाते हुए 7 और 8 दिसंबर को गैरसेंण में सत्र आयोजित करने की बात की। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने मिलकर सत्र को देहरादून में कराने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद अब देहरादून में सत्र आयोजित करने के लिए नई तारीख तय की गई है। गैरसेंण में सत्र को लेकर सरकार की और से पहाड़ को कई सौगात मिलने की संभावनाएं लगाई जा रही थी। इसके साथ ही गैरसेंण को जिला बनाने के साथ ही पहाड़ के कई मुद्दों को लेकर भी उम्मीदें जगी थी। लेकिन अब सत्र देहरादून में होने जा रहा है। इससे पहाड़ की जनता को निराशा होनी तय है। इन दिनों मौसम अनूकूल न होना और गैरसेंण में अत्यधिक ठंड होना भी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। लेकिन ऐसे में विपक्ष को यह मुद्दा भी मिल गया कि जब सरकार दो दिन गैरसेंण नहीं रह सकती तो राजधानी के बारे में कैसे सोच सकते हैं। इसी को आधार बनाकर हरीश रावत ने गैरसेंण पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। साथ ही गैरसेंण को राजधानी बनाने का दांव भी खेला है।

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English summary
Uttarakhand: Congress played 'Rajdhani Card' just before the elections, should this issue be overshadowed by BJP?
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