Char dham yatra:यात्रा नियमों में बदलाव की तैयारी, आधार से लिंक होंगे रजिस्ट्रेशन, पुरोहितों ने जताई नाराजगी
Uttarakhand:चार धाम यात्रा के नियमों में बदलाव की तैयारी
Char dham yatra उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार नई पहल करने जा रही है। इसके लिए आने वाले समय में चार धाम यात्रा पंजीकरण को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा साथ ही सरकार एक सीजन में एक बार ही यात्रा करने के नियम पर काम करने जा रही है। चार धाम यात्रा 2022 में अब तक तीर्थ यात्रियों की संख्या 42 लाख के पार पहुंच गई है, जो एक रिकॉर्ड है।
रजिस्ट्रेशन
के
नियमों
में
बदलाव
किया
जा
रहा
चार
धाम
यात्रा
में
आने
वाले
श्रद्धालुओं
की
भीड़
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
पर्यटन
मंत्री
सतपाल
महाराज
नए
प्लान
पर
काम
कर
रहे
हैं।
इसके
लिए
रजिस्ट्रेशन
के
नियमों
में
बदलाव
किया
जा
रहा
है।
उन्होंने
कहा
है
कि
किसी
भी
श्रद्धालु
को
एक
साल
में
सिर्फ
एक
ही
बार
धामों
के
दर्शन
का
अवसर
दिया
जाए।
इस
व्यवस्था
को
सुनिश्चित
करने
के
लिए
चार
धाम
यात्रा
पंजीकरण
को
आधार
कार्ड
से
लिंक
किया
जाएगा।
पर्यटन
विकास
परिषद
मुख्यालय
में
हुई
समीक्षा
बैठक
में
पर्यटन
मंत्री
सतपाल
महाराज
ने
कहा
कि
इस
साल
अभी
तक
चारधाम
यात्रा
में
करीब
42
लाख
से
अधिक
तीर्थयात्री
दर्शन
कर
चुके
हैं।
कपाट
बंद
होने
तक
यह
संख्या
करीब
45
लाख
तक
पहुंचने
की
उम्मीद
है।
चार
धाम
यात्रा
को
क्षमता
के
अनुसार
संचालित
करने
को
एक
तीर्थयात्री
को
साल
में
एक
ही
बार
चारधाम
जाने
की
अनुमति
दी
जाए।
इसके
लिए
चारधाम
यात्रा
के
लिए
पंजीकरण
की
सुविधा
को
आधार
कार्ड
से
जोड़ा
जाए।
विंटर टूरिज्म को भी बढ़ाने पर जोर
पर्यटन मंत्री ने शीतकाल में उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने को विंटर टूरिज्म को भी बढ़ाने पर जोर दिया। चारों धामों के शीतकालीन प्रवास मुखबा, खरसाली, ऊखीमठ और जोशीमठ पांडुकेश्वर में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। महाराज ने शीतकालीन प्रवासों में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए। चारधाम यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या को देखते हुए इसे लिम्का रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज कराने की दिशा में कदम उठाया जाए। महाराज ने अधिकारियों को यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था में बदलाव करने और इसे आधार संख्या से जोड़ने के भी निर्देश दिए।
त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित
महाराज ने बाबा अमरनाथ की तर्ज पर चमोली जिले के नीती घाटी स्थित टिंबरसैंण महादेव की यात्रा को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। महाराज ने रुद्रप्रयाग जिले में स्थित शिव और पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश के अन्य स्थानों को भी वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही गुरु गोरखनाथ ट्रेक में पड़ने वाले मंदिरों का भी सर्किट विकसित किया जाए। सतपाल महाराज के यात्रियों की संख्या निर्धारित करने के निर्णय पर अभी से विवाद खड़ा हो गया है। चारों धाम के पुरोहित इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित और व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष पंडित संतेन्द्र सेमवाल का कहना है कि उत्तराखंड की प्राकृतिक संुदरता व तीर्थ स्थानों में यात्री बार-बार आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यात्रियों व पर्यटकों को रोका गया तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।