UKSSSC पेपर लीक प्रकरण: अधर में 916 युवाओं की नौकरी, आयोग ने उठाए कड़े कदम, सीएम ने दिया बड़ा बयान
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा पेपर लीक प्रकरण
देहरादून 26 जुलाई। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण के बाद अब 916 चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है। आयोग ने फिलहाल अंतिम चयन सूची की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इधर आयोग अब अपने स्तर से भी सख्त कदम उठाने लगा है। आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को परीक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है। उधर इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया को दिए बयान में साफ किया कि इस तरह के रैकेट किसी तरह से संचालित नहीं होने दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि अन्य कुछ आयोग में भी इस तरह की कंप्लेन हैं, जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी।
परीक्षा
रद
नहीं,
पूरी
प्रक्रिया
पर
रोक
सरकारी
नौकरी
का
सपना
देख
रहे
चयनित
बेरोजगारों
को
एक
बार
फिर
झटका
लगा
है।
यूकेएसएसएससी
में
हुई
स्नातक
स्तर
की
परीक्षा
के
पेपर
लीक
ने
ऐसे
कई
युवाओं
की
उम्मीदों
पर
फिलहाल
पानी
फेर
दिया
है।
13
विभागों
में
916
पदों
के
लिए
हुई
इस
भर्ती
परीक्षा
में
चुने
गए
उम्मीदवारों
के
डॉक्यूमेंट
वेरिफिकेशन
की
प्रक्रिया
भी
पूरी
कर
ली
गई
थी।
लेकिन
इस
बीच
भर्ती
परीक्षा
में
पेपर
लीक
का
मामला
सामने
के
बाद
पूरी
प्रक्रिया
रोक
दी
गई
है।
जांच
पूरी
होने
के
बाद
मामला
स्पष्ट
होने
पर
ही
भर्ती
पर
आगे
फैसला
लिया
जाएगा।
जिसके
बाद
पूरा
मामला
खटाई
में
पड़
गया
है।
हालांकि
आयोग
ने
साफ
किया
कि
अभी
परीक्षा
को
रद
नहीं
माना
जाएगा।
जब
तक
जांच
चल
रही
है।
तब
तक
मामला
लटक
गया
है।
स्नातक
स्तर
की
परीक्षा
पेपर
लीक
करने
वाले
गिरोह
का
भांडाफोड
उत्तराखंड
अधीनस्थ
सेवा
चयन
आयोग
ने
दिसम्बर
2021
में
स्नातक
स्तर
की
परीक्षा
आयोजित
की
थी।
जिसमें
अनियमितता
और
गड़बड़ी
को
लेकर
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
तक
शिकायत
पहुंची।
इसके
बाद
सीएम
धामी
के
निर्देश
पर
थाने
में
मुकदमा
दर्ज
हुआ।
एसटीएफ
ने
पेपर
लीक
करने
वाले
गिरोह
का
भांडाफोड
किया
है।
एसटीएफ
ने
इस
मामले
में
6
आरोपियों
को
अरेस्ट
किया
है।
जिसमें
आयोग
की
गोपनीय
कामों
को
करने
वाली
आउटसोर्स
कंपनी
का
कंम्प्यूटर
प्रोगामर
मास्टरमांइड
निकला
जिसने
पेपर
लीक
करने
के
एवज
में
60
लाख
रूपए
लिए
थे।
इस
गिरोह
में
आयोग
से
निष्कासित
पूर्व
पीआरडी
कर्मचारी
कोचिंग
सेंटर
का
डायरेक्टर
भी
शामिल
था।
एसटीएफ
अब
इस
प्रकरण
में
आयोग
से
जुड़े
अन्य
लोगों
के
भी
कनेक्शन
क्रेक
करने
में
जुटी
है।
इसके
साथ
ही
गिरोह
के
दूसरे
परीक्षाओं
में
इस
तरह
की
संलिप्तता
को
लेकर
भी
जांच
कर
रही
है।
इस
पूरे
प्रकरण
में
सबसे
बड़़ा
सवाल
ये
सामने
आ
रहा
है
कि
क्या
आयोग
के
अंदर
किसी
अधिकारी,
कर्मचारी
के
मिलीभगत
से
ये
संभव
है।
ऐसे
में
आयोग
की
भूमिका
पर
भी
सवाल
खड़ा
हो
रहा
है।
अन्य आयोगों में भी इस तरह की शिकायतें आई हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी: धामी
उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि किसी भी आयोग में इस तरह के भ्रष्ट्राचार को कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रैकेट संचालित नहीं होने दिया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि अन्य आयोगों में भी इस तरह की शिकायतें आई हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त एक्शन के बाद ही पेपर लीक प्रकरण का खुलासा हुआ और एसटीएफ ने दो दिन के अंदर 6 आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे खड़ा कर दिया है।
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