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उत्तराखंड पुलिस के इस जवान ने ड्यूटी के दौरान निभाया मानवता का फर्ज, बन गया रियल हीरो

पुलिसकर्मी ने दिव्यांग महिला को गोद में उठाकर कराई यात्रा

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देहरादून, 11 मई। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरे उफान पर है। चारों धामों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए पुलिस अपनी ड्यूटी और फर्ज निभा रहे हैं। इस बीच मित्र पुलिस की एक तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। जिसमें एक पुलिसकर्मी एक दिव्यांग महिला को गोद में उठाकर मंदिर के दर्शन करवाने लेकर गए। इतना ही नहींं सकुशल वापस भी भेजा।

सुरक्षा और मदद के लिए उत्तराखंड पुलिस यात्रा मार्गों पर मुस्तैद

सुरक्षा और मदद के लिए उत्तराखंड पुलिस यात्रा मार्गों पर मुस्तैद

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। उत्तराखंड में इन दिनों हर कोई चारों धाम करके पुण्य अर्जित करना चाहता है। चाहे वह किसी भी उम्र के हों या कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो। इस तरह देश-विदेश के लोग दर्शन को उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। इन सभी हजारों, लाखों लोगों की सुरक्षा और मदद के लिए उत्तराखंड पुलिस यात्रा मार्गों पर मुस्तैद नजर आ रही है।

मुख्य आरक्षी गोविंद राम ने पेश की मिसाल

मुख्य आरक्षी गोविंद राम ने पेश की मिसाल

ऐसी ही एक तस्वीर की हर तरफ तारीफ हो रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर पालकी से नीचे उतरने के बाद एक दिव्यांग महिला श्रद्धालु मंदिर जाने में असमर्थ महसूस कर रही थी। इसबीच उत्तराखंड पुलिस के मुख्य आरक्षी गोविंद राम ने अपनी ड्यूटी समझकर मानवता की ऐसी मिसाल पेश की कि हर तरफ पुलिसकर्मी की तारीफ हो रही है। गोविंद राम ने दिव्यांग महिला को उठाकर मंदिर के दर्शन करवाए और सकुशल वापस भेजा।

मित्र पुलिस की कई तस्वीरें आई सामने

मित्र पुलिस की कई तस्वीरें आई सामने

पहाड़ों में विपरीत परिस्थितियों के बीच उत्तराखंड पुलिस के जवान चारधामों में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इसी तरह की तस्वीरें चारधाम से लगातार आ रही है। बीते दिनों झारखण्ड से परिवार के साथ यमुनोत्री धाम यात्रा पर आए वृद्ध श्रद्धालु की दोबाटा बड़कोट के पास अचानक तबियत खराब हो गयी। कांस्टेबल दिनेश बाबू व महिला कांस्टेबल रेखा द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर ले जाकर उनका उपचार कराया गया। इसी तरह 6 वर्षीय आव्या अपने दादाजी राम बंसल एवं पिताजी गौरव बंसल एवं मां अंकिता बंसल के साथ केदारनाथ यात्रा पर आई थी, जो कि भीड़ में अपने परिजनों से बिछड़ गई थी। परिजनों द्वारा आव्या की अपने स्तर से ढूंढ खोज की गई लेकिन उसका कोई पता नहीं चला बाद में उनके द्वारा पुलिस से सहायता मांगी गई। पुलिस उपाधीक्षक विवेक कुमार एवं आरक्षी भरत नेगी द्वारा मासूम बच्ची को ढूंढ कर उसके परिजनों से मिलाया गया परिजनों द्वारा पुलिस परिवार का आभार व्यक्त किया गया है। इस तरह चारधाम यात्रा मार्ग पर उत्तराखंड पुलिस पूरी ईमानदारी के साथ कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

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English summary
uttaraakhand pulis ke is javaan ne dyootee ke dauraan nibhaaya maanavata ka pharj, jaanie kaise ban gaya riyal heero
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