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नवरात्र स्पेशल: मां डाट काली मंदिर, मानी जाती है उत्तराखंड की इष्ट देवी, शुभ कार्य के लिए आशीर्वाद जरूरी

उत्तराखंड: देहरादून में प्रसिद्व मां डाट काली का मंदिर

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देहरादून, 1 अक्टूबर। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रसिद्व मां डाट काली का मंदिर है। जो भी दिल्ली से देहरादून या देहरादून से दिल्ली का सफर करते हैं वो मां डाट काली के मंदिर में आशीर्वाद लेना नहीं भूलते इसके साथ ही दूनवासी जब भी कोई नई गाड़ी खरीदते हैं तो डाट काली मंदिर जरूर लेकर जाते हैं। नवरात्र में डाट काली मंदिर में खासा भीड़ जुटती है। डाट काली मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ और उत्तराखंड की इष्ट देवी के नाम से भी जाना जाता है।

Navratri dehradun Maa Dat Kali Temple blessings considered necessary travel auspicious work

मां डाट काली मंदिर, देहरादून दिल्ली हाईवे पर

दून सिटी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मां डाट काली मंदिर है जो देहरादून दिल्ली हाईवे पर मौजूद है। ऐसे में बिना डाट काली रूके सफर अधूरा माना जाता है। मान्यता है कि मां डाट काली मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं। मां डाट काली उनके सभी दुखों को दूर कर देती है। मंदिर का निर्माण महंत सुखबीर गुसैन ने 1804 में कराया था। मान्यता है कि अंग्रेजों के दौरान निर्माण हुए इस मंदिर में तब से लेकर अब तक हर वक्त श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं, खासकर जब घर में कोई शुभ कार्य हो या कोई नई चीज खरीदी जाती है तो सबसे पहले माता के दर्शन ही किए जाते हैं। मां डाट काली मंदिर के साथ विशेष मान्यता यह भी है कि पिछले लगभग 100 सालों से मंदिर के अंदर एक दिव्य ज्योति 24 घंटे चलती रहती है।

मान्यता मां डाट काली मंदिर से जुड़ी

एक मान्यता मां डाट काली मंदिर से यह भी जुड़ी है कि जब अंग्रेजो के दौरान देहरादून से सहारनपुर के लिए हाईवे निर्माण कराया जा रहा था, तब डाट काली मंदिर के पास ही एक सुरंग का निर्माण शुरू हुआ लेकिन काफी लंबे वक्त तक सुरंग में बार बार पहाड़ से मलबा आने से सुरंग ब्लॉक हो जाती थी, दावा है कि जो इंजीनियर इस सुरंग का निर्माण कर रहा था वह भारतीय ही था और उसके सपने में मां डाट काली आई और उन्होंने कहा कि जहां पर सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा है वहीं पर मेरी मूर्ति है और इस मूर्ति की स्थापना सड़क के पास की जाए तो सुरंग में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। उसी भारतीय इंजीनियर ने मां डाट काली की मूर्ति महंत सुखबीर गुसैन को दी थी और उसके बाद मंदिर का निर्माण हुआ और फिर सड़क और सुरंग का निर्माण संपन्न हो गया। डाट काली मंदिर के पास ही उनकी बड़ी बहन भद्रकाली का मंदिर भी है जो देहरादून से सहारनपुर जाते वक्त सुरंग से पहले पड़ता है और सुरंग के बाद मां डाट काली का मंदिर है। यात्रा दोनों के दर्शन से ही पूरी मानी जाती है।

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English summary
Navratri Special - Maa Dat Kali Temple, considered to be the favored goddess of Uttarakhand, mother's blessings are considered necessary for travel and auspicious work
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