भाजपा के 'चौके' पर केजरीवाल का 'सिक्सर', जानिए उत्तराखंड में अचानक क्यों गरमाया नए जिलों का मुद्दा
भाजपा के 'चौके' पर केजरीवाल का 'सिक्सर', उत्तराखंड में अचानक गरमाया नए जिलों का मुद्दा
देहरादून, 15 दिसंबरा उत्तराखंड में चुनावी साल में हर दल अपने-अपने सियासी दांव चल रहे हैं। 2011 से लंबित नए जिलों की मांग पर एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। उत्तराखंड में 5वें दौरे पर मंगलवार को काशीपुर आए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश में आप की सरकार आने के एक माह के भीतर ही 6 नए जिले बनाने का ऐलान किया है। जिसमें रानीखेत, डीडीहाट, काशीपुर, कोटद्वार, यमनोत्री और रुड़की को जिला बनाने का वादा किया है। बता दें कि भाजपा ने उत्तराखंड में 4 जिले कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट बनाने का ऐलान किया था जिसके बाद कांग्रेस ने एक कदम आगे बढ़ाकर 9 जिले बनाने का वादा किया है। ऐसे में चुनावी साल में नए जिलों को लेकर हर सियासी दल अपना अपना दांव चल रहे हैं।
केजरीवाल ने छेड़ा 2 और नए जिले का मुद्दा
विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में नए जिलों की मांग तेज हो गई है। जिसको लेकर कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में उतर गई है। कांग्रेस की और से पूर्व सीएम हरीश रावत ने 9 नए जिले बनाने को लेकर नई बहस छेड़ी जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने 6 जिले बनाने का वादा कर नए सियासी बहस शुरू कर दी है। उत्तराखंड में 13 जिले हैं। इसके बाद नए जिलों की मांग लंबे समय से उठ रही है। वर्ष 2011 में तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट को नया जिला बनाने की घोषणा की थी, जो कि पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, अल्मोड़ा जिले में रानीखेत और पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट को नया जिला बनाने की संस्तुति की गई थी। हालांकि बाद में नए जिलों को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
हरदा ने 9 जिलों का किया है वादा
इसके बाद कांग्रेस सरकार आई तो पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी नए जिलों के गठन के लिए 2016 के बजट में 100 करोड़ की व्यवस्था करने की बात की। हालांकि इसके बाद कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक शुरू हुई और 4 जिलों की मांग फिर से ठंडे बस्ते में डाल दी गई। लेकिन हरीश रावत ने अब 4 जिलों कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट की जगह 9 जिले जिनमें नरेंद्र नगर,काशीपुर, गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा भी जोड़ दिए हैं। अब अरविंद केजरीवाल ने काशीपुर में रानीखेत, डीडीहाट, काशीपुर, कोटद्वार, यमनोत्री और रुड़की को नए जिले बनाने का चुनावी दांव खेला। अरविंद केजरीवाल ने काशीपुर और रुड़की को जोड़कर नई बहस शुरू कर दी।
किसके दावे में दम
ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या प्रदेश को नए जिलों की आवश्यकता है, या नहीं। है तो कितने जिलों की। बीते लंबे समय से उत्तराखंड में 4 नए जिलों की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। लेकिन अब राजनीतिक दलों ने दूसरे क्षेत्रों की जिज्ञासा बढ़ाकर सियासत को गर्मा दिया है। अब सवाल ये भी है कि भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से प्रदेश को कितने जिलों की आवश्यकता है। केजरीवाल ने आप की सरकार आने पर एक माह में जिले बनाने का दावा किया है जबकि कांग्रेस की और से पूर्व सीएम हरीश रावत का दावा है कि वे इस काम को सत्ता में आने के 2 वर्ष के अंदर पूरा कर देगी ताकि एक बार प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके।
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