Uttarakhand: स्वास्थ्य महकमे की अनोखी पहल, ड्रोन के जरिए पहुंचाई जाएगी वैक्सीन
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी तक महज 40 मिनट में वैक्सीन की डोज को सफलतापूर्वक पहुंचाया गया।
उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति और विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने एक अनोखी पहल की है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने का ट्रायल सफल होने के बाद अब इसे धरातल पर उतारा जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि 40 मिनट में देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी 400 डोज वैक्सीन पहुंचाई गई है। अब जल्द ही जल्द ही कोविड टीकाकरण की मुहिम के लिए ड्रोन को उपयोग में लाया जाएगा।
डी.पी.टी.
व
पेंटा
की
400
डोज
उत्तरकाशी
पहुंचाई
गई
प्रदेश
के
भौगोलिक
परिस्थितियों
के
मद्देनजर
दवाओं,
टीकों
को
समयबद्ध
तरीके
से
पहुंचाने
हेतु
स्वास्थ्य
विभाग
उत्तराखंड
ने
ड्रोन
टेक्नोलॉजी
का
सफल
ट्रायल
पूर्ण
कर
लिया
है।
सचिव
चिकित्सा
स्वास्थ्य
एवं
चिकित्सा
शिक्षा
विभाग
डॉ.
आर.
राजेश
कुमार
ने
बताया
कि
स्वास्थ्य
विभाग
द्वारा
ड्रोन
टेक्नोलॉजी
का
उपयोग
कर
देहरादून
से
सीमांत
जनपद
उत्तरकाशी
तक
महज
40
मिनट
में
वैक्सीन
की
डोज
को
सफलतापूर्वक
पहुंचाया
गया।
प्रतिरक्षण
कार्यक्रम
के
अंतर्गत
ड्रोन
द्वारा
डिप्थीरिया
टिटनेस
(डी.पी.टी.)
व
पेंटा
की
400
डोज
मुख्य
चिकित्साधिकारी
कार्यालय
उत्तरकाशी
पहुंचाई
गई
है।
अमूमन
सड़क
मार्ग
से
5-6
घंटे
का
समय
लगता
है।
डॉ.
आर.
राजेश
कुमार
ने
यह
भी
अवगत
कराया
कि
इस
सफलतापूर्वक
परीक्षण
के
बाद
माननीय
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
जी
व
स्वास्थ्य
मंत्री
डॉ.
धन
सिंह
रावत
द्वारा
आगामी
दिनों
में
प्रदेश
के
सूदूर
इलाकों
में
ड्रोन
के
माध्यम
से
कोविड
वैक्सीन
को
पहुंचाए
जाने
हेतु
कार्य
का
शुभारंभ
किया
जाएगा।
ड्रोन टेक्नोलॉजी की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी
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उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग तथा इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आई.टी.डी.ए.) के सहयोग से दवाईयों को पहुंचाया गया है। डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में दवाईयों या वैक्सीन को पहुंचाने हेतु सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है व कभी-कभी आपदा के कारण भी दवाई पहुंचाने में परेशानी होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि दवाई वितरण में किसी भी प्रकार की देरी न हो और समयपर सभी चिकित्सा इकाइयों तथा ऐसे स्थानों, गावों में जहां सड़क मार्ग की सुविधा नही है वहां भी दवाईयां, वैक्सीन उपलब्ध हो। निकट भविष्य में दुर्घटनाग्रस्त, आपदा या अन्य किसी विकट स्थिति पर समयान्तर्गत प्राथमिक उपचार की दवाईयां तथा अन्य सामाग्री पहुंचाने में ड्रोन टेक्नोलॉजी की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी। सचिव द्वारा बताया गया कि कोविड के दृष्टिगत भी ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी कारगर साबित होगी। हम प्रदेश के सभी चिकित्सा इकाइयों में वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखेंगे ताकि पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण सुलभ तरीके से पूर्ण हो।