Haridwar: बच्चे की चाह में हुआ था 8 माह के मासूम का अपहरण, पुलिस ने यूं किया बरामद
हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के कड़च्छ मोहल्ले से आठ महीने के बच्चे का अपहरण का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बच्चे खरीदने वाले कपड़ा व्यापारी और उसकी पत्नी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में एक आठ माह के बच्चे की अपहरण की कहानी ने सबको हैरान कर दिया है। इस मामले में आरोपी पति-पत्नी ने बच्चे की चाह में पूरी साजिश रची और दो लाख रूपए में बच्चे चोरी करने वाली महिलाओं से सौदा किया था। हरिद्वार पुलिस की तत्परता से बच्चा सकुशल परिजनों को मिल गया है। जिसके बाद पुलिस और परिजनों ने राहत की सांस ली है। इस घटना के खुलासे के बाद लोगों ने पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे भी लगाए और जमकर ढोल नगाड़ों से पुलिस का स्वागत किया।
बच्चे खरीदने वाले कपड़ा व्यापारी, उसकी पत्नी सहित सात गिरफ्तार
हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के कड़च्छ मोहल्ले से आठ महीने के बच्चे का अपहरण हो गया था। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर पुलिस सक्रिय हुई और तुंरत मामले की जांच पड़ताल कर मामले का खुलासा भी कर दिया। पुलिस ने अपहरण में शामिल बच्चे खरीदने वाले कपड़ा व्यापारी और उसकी पत्नी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
अपहरण में पड़ोसी महिलाएं शामिल, आशा कार्यकर्ता ने अहम भूमिका निभाई
बच्चे के अपहरण में पड़ोसी महिलाएं शामिल थी। जिसमें एक आशा कार्यकर्ता ने अहम भूमिका निभाई। जिसने कपड़ा व्यापारी से ढाई लाख रुपये में सौदा तय किया था। डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल ने बताया कि शनिवार को रविंद्र निवासी कड़च्छ ज्वालापुर के आठ महीने के बेटे शिवांग का अपहरण हुआ था। संदिग्ध मोबाइल फोन नंबरों को ट्रेस करने के बाद आशा कार्यकर्ता रूबी निवासी गागलहेड़ी सहारनपुर उत्तर प्रदेश हाल पता सीतापुर, कड़च्छ मोहल्ला और श्यामपुर कांगड़ी निवासी कपड़ा व्यापारी संजय को दबोचा। जिनसे बच्चा बरामद हुआ।
रविंद्र के घर के बराबर में रहने वाली किरन ने बच्चे को घर से उठाया
पुलिस पूछताछ के बाद अपहरण मामले में शामिल किरन, अनिता, सुषमा निवासीगण मोहल्ला कड़च्छ और कपड़ा कारोबारी संजय की पत्नी पारुल को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले का खुलासा करते हुए बताया गया कि रविंद्र के घर के बराबर में रहने वाली किरन ने बच्चे को घर से उठाया। उसने दूसरी गली में रहने वाली सुषमा को बच्चा सौंपा, सुषमा ने पड़ोस में रहने वाली अनीता को दिया।
50 हजार रुपये नकद दिए और दो लाख रुपये बाद में देने का वादा किया
अनीता ने आशा कार्यकर्ता रूबी को बच्चा सौंपा। जिसके बाद रूबी ने बहादराबाद क्षेत्र में जाकर कपड़ा व्यापारी संजय के हवाले बच्चा कर दिया। संजय ने 50 हजार रुपये नकद दिए और दो लाख रुपये बाद में देने का वादा किया। इसके बाद संजय बच्चे को लेकर अपनी पत्नी के पास पहुंचा।
ढाई लाख रुपये देने का लालच,रूबी ने अपहरण को अंजाम दिया
संजय की अपर रोड पर कपड़े की दुकान है। एक साल पहले ही संजय ने पारुल से शादी की थी। जब एक साल में संतान नहीं हुई तो उन्होंने बच्चा गोद लेने की प्लानिंग की। संजय आशा कार्यकत्री रूबी को पहचानता था। संजय ने बच्चा गोद लेने की इच्छा रूबी को बताई और ढाई लाख रुपये देने का लालच दिया। इसी लालच में रूबी ने इस अपहरण को अंजाम दिया।