यूपी में फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर योगी सरकार ने गिराई गाज
लखनऊ। यूपी में अब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी स्कूलों में नौकरी कर रहे शिक्षकों की खैर नहीं है। शासन ने जिले के सभी जिलाधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही ऐसे शिक्षकों के वेतन और भत्तों की वसूली भी की जाएंगी। इस मामले में ढिलाई बरतने पर शासन ने विभिन्न जिलों के डीएम पर नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि मथुरा में एसटीएफ की टीम ने जुलाई में करीब 150 शिक्षकों को फर्जी दस्तावेज से नौकरी करते पकड़ा था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
बता दें कि अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. प्रभात कुमार ने 19 और 20 जुलाई को एक पत्र जारी किया था। पत्र में यूपी के सभी डीएम को कहा गया था कि वह अपने निर्देशन में जांच समिति से ऐसे मामलों की जांच कराकर फर्जी शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई करें और शासन को कार्रवाई से अवगत कराएं। लेकिन जिलाधिकारियों ने मामले में लापरवाही बरती। अब एक बार फिर से अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को पत्र भेजकर ऐसे शिक्षकों की सूचना मांगी हैं।
बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉक्टर प्रभात कुमार ने सभी बीएसए को भी पत्र भेजा है। इसमें सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि वह ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा एसटीएफ और शासन को दें, जिन्होंने हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, बीएड, बीटीसी आदि के प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति लगाकर नौकरी हासिल की है।