मायावती सरकार में आई APS भर्ती की सीबीआई जांच को योगी सरकार ने दी मंजूरी
इलाहाबाद। सपा शासन काल के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच की आंच अब मायावती शासनकाल में हुई भर्ती तक भी पहुंच गई है। योगी सरकार ने मायावती शासनकाल में 2010 में शुरू हुई सचिवालय में अपर निजी सचिवों की भर्ती की सीबीआई जांच कराये जाने को मंजूरी दे दी है। दरअसल यूपीपीएससी की भर्तियों की जांच के दौरान सीबीआई को एपीएस भर्ती में धांधली के सुराग मिले थे जिसके बाद सीबीआई ने ही 19 जून को मुख्य सचिव को पत्र भेजा था और मुख्य सचिव ने सीएम से बातचीत कर सीबीआई की रिपोर्ट दी थी। मामला गंभीर होने पर पिछली कैबिनेट बैठक में भी यह मामला उठाया गया था और उसी कड़ी में सीएम योगी ने अब सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है।
भर्ती
के
बारे
में
जाने
मायावती
शासनकाल
में
उत्तर
प्रदेश
लोकसेवा
आयोग
ने
सचिवालय
में
अपर
निजी
सचिवों
के
250
पदों
की
भर्ती
शुरू
की
थी।
यह
भर्ती
मायावती
शासनकाल
में
पूरी
नहीं
हो
सकी
और
सूबे
में
सत्ता
परिवर्तन
के
बाद
अखिलेश
सरकार
आ
गई।
लेकिन,
सपा
के
पांच
साल
में
भी
यह
भर्ती
फाइनल
नहीं
हो
सकी
और
योगी
सरकार
में
अक्टूबर
2017
में
इसका
अंतिम
परिणाम
घोषित
हुआ।
रिजल्ट
आने
पर
सरकार
ने
217
चयनितों
को
अपर
निजी
सचिव
के
पदों
पर
जॉइनिंग
भी
दे
दी
है।
लेकिन,
इसी
भर्ती
में
धांधली
के
ढेरों
सबूत
सीबीआई
को
अन्य
भर्ती
की
जांच
के
दौरान
मिले
तो
मामले
ने
तूल
पकड़
लिया।
जमकर
हुई
है
मनमानी
प्रतियोगी
छात्र
संघर्ष
समिति
के
मीडिया
प्रभारी
ने
बताया
कि
अपर
निजी
सचिव
यानी
एपीएस
2010
भर्ती
में
जमकर
धांधली
हुई
है।
अपने
चहेतों
को
नियुक्ति
दिलाने
में
बड़े
अफसरों
ने
एक्ट
तक
में
संशोधन
किया
है
और
खूब
मनमानी
की
है।
इस
भर्ती
में
जानबूझकर
कई
टॉप
मेरिट
वाले
अभ्यार्थी
को
बाहर
किया
गया
था
जिसके
सबूत
भी
पीड़ित
अभ्यर्थियों
ने
सीबीआई
को
मुहैया
करा
दिये
हैं।