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UP में कम बारिश बनेगी सरकार के लिए मुसीबत का सबब ? सूखे की आहट ने बढ़ाई योगी सरकार की टेंशन

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लखनऊ, 13 जुलाई : उत्तर प्रदेश में उम्मीद से कम बारिश ने कृषि विभाग के साथ ही सरकार के भी कान खड़े कर दिए हैं। सरकार को अब सूखे की चिंता सताने लगी है। सरकार ने सूखे की आहट को देखते हुए अब अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू दिया है। सरकार अभी से अलर्ट मोड में आ गई है। राज्य के कृषि विभाग के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि इस मानसून में यूपी के अधिकांश हिस्सों में बारिश की कमी के कारण खरीफ फसल की खेती के क्षेत्र में 6% से अधिक की गिरावट आई है। अगर बारिश की कमी बनी रहती है तो इसके और नीचे जाने की उम्मीद है। हालांकि इन हालातों को देखते हुए यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने 18 जुलाई को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।

खरीफ की फसल में 6 लाख हेक्टेयर की गिरावट चिंता का सबब

खरीफ की फसल में 6 लाख हेक्टेयर की गिरावट चिंता का सबब

यूपी में धान और अन्य खरीफ फसल की खेती का कुल क्षेत्रफल 95 से 96 लाख हेक्टेयर है। इसके विरुद्ध कृषि विभाग द्वारा लगभग 6 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है। कुल में से 60 लाख हेक्टेयर अकेले धान की खेती का समर्थन करता है। विभाग के अनुसार, राज्य में इस साल केवल 70 मिमी बारिश हुई है, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान हुई बारिश की तुलना में लगभग 62% कम है, जब औसत 184 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

कृषि मंत्री का दावा- किसानों की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार

कृषि मंत्री का दावा- किसानों की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार

यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मुताबिक, राज्य सरकार किसी भी स्थिति में किसानों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शाही ने कहा कि उनके विभाग ने जल शक्ति विभाग के साथ तुरंत समन्वय किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्रों की सिंचाई के लिए सरकारी नलकूप और नहरों को अपेक्षित विनिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है ताकि किसानों को कोई समस्या न हो।

कृषि मंत्री ने 18 जुलाई को बुलाई उच्चस्तरीय बैठक

कृषि मंत्री ने 18 जुलाई को बुलाई उच्चस्तरीय बैठक

सूत्रों ने कहा कि यूपी सरकार 31 जुलाई तक राज्य में पर्याप्त बारिश नहीं होने पर "सूखे जैसी स्थिति" की चेतावनी देने की उम्मीद है। तदनुसार, फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत किसान फसल बीमा के लिए पात्र हो सकते हैं। अधिकारियों क मोन तो उन्होंने पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों का पंजीकरण कराने के अभियान को तेज करने के लिए 18 जुलाई को बीमा कंपनियों, बैंकों और सामान्य सेवा केंद्रों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. वहीं केंद्र ने किसानों के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों का आकलन करने के लिए बेंगलुरु में सभी कृषि मंत्रियों की बैठक बुलाई है।

कम बारिश के अनुमान के बाद सूखे की चिंता

कम बारिश के अनुमान के बाद सूखे की चिंता

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में बीमा योजना के प्रमुख रूप से शामिल होने की उम्मीद है। यूपी में सरकार ने जुलाई के पहले सप्ताह में अधिकतम संभव किसानों को बीमा योजना के तहत कवर करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया था। हालांकि उम्मीद से कम बारिश के अनुमान के बाद अब सूखे की चिंता सताने लगी है। अधिकारियों ने सूखे के लिहाज से अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।

बारिश की कमी से कम होगी धान की पैदावार

बारिश की कमी से कम होगी धान की पैदावार

कृषि विभाग के सूत्रों ने कहा कि बारिश में कमी के बाद 48 जिले पहले से ही "तनाव" में हैं। पिछले साल धान का उत्पादन एक साल पहले के 25.7 मिलियन टन से लगभग 10 लाख टन बढ़ा था। यह धान की खेती के तहत 2020-21 और 2021-22 के बीच 58.9 से बढ़कर 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तक पहुंच गई थी। अनुकूल मौसम की स्थिति, बेहतर वर्षा और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए उपायों ने राज्य में कृषि विकास को बढ़ावा देने में योगदान दिया।

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English summary
Will there be less rain in UP causing trouble for the government?
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