जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर क्या फिर मचेगा घमासान, UP अल्पसंख्यक आयोग ने क्यों कहीं ये बातें
लखनऊ, 28 जून: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार के दौरान जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर यूपी में बवाल मचा था। तब बीजेपी और सरकार के नेताओं ने इस बिल को लाए जाने की लेकर सफाई दी थी। लेकिन उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने अब यूपी में नया राग छेड़ दिया हैं। आयोग ने कहा है की देश में बढ़ती आबादी अल्पसंख्यकों के लिए एक खतरा है जिसकी वजह से उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वो केंद्र सरकार से सिफारिश करेगा की जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण बिल लाया जाए।
अल्पसंख्यक आयोग की क्या है मंशा ?
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या बिल को लेकर फिर माहौल गरमा गया है। अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ने अशफाक सैफी ने कहा कि देश में बढ़ती आबादी अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है। इसे उसका विकास नहीं हो पा रहा है। देश में अल्पसंख्यकों में मुस्लिम के अलावा कुछ और भी जातियां शामिल हैं। उनकी बेहतरी और विकास के लिए ये जरूरी है की देश में जनसंख्या नियंत्रण बिल लाया जाए। इसकी सिफारिश केंद्र से आयोग करेगा।
बढ़ती आबादी भी अल्पसंख्यकों के लिया खतरा
चेयरमैन ने कहा कि देश में जिस तरह से आबादी बढ़ रही है वो एक चिंता का विषय है। इस बात को सबको स्वीकार करना होगा। आयोग की तरफ से इसके लिए उत्तर प्रदेश में अलग अलग जगहों पर टीम भेजी गई थी। टीम ने अपने दौरे के बाद ये रिपोर्ट दी है। इसके आधार पर आयोग इसकी सिफारिश करेगा की देश में जनसंख्या नियंत्रण बिल लागू किया जाए।
संविधान से चलेगा देश शरीयत से नहीं
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ने कहा कि देश संविधान के अधार पर चलेगा किसी शरीयत से नहीं। इस बात को सबको समझना होगा और सच्चाई को स्वीकार करनी पड़ेगी। आबादी की वजह से ही अल्पसंख्यकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए देश में एक सार्थक कानून लाया जाना जरूरी है। अल्पसंख्यक की बेहतरी इसी में है की वो इस बिल का समर्थन करें।
आयोग के गठन के एक साल पर बोले चेयरमैन
दरअसल , उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में नए सदस्यों को एक साल पूरा होने के अवसर पर आयोग की तरफ से एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है जिसके आधार पर कुछ सिफारिश वो यूपी सरकार से भी करेगी। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण बिल को लागू करने की सिफारिश भी केंद्र सरकार से करेगी। योगी की पहली सरकार में भी जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर घमासान मचा था। तब इस तरह की अटकलें लगाई गईं थी कि योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर केंद्र सरकार से सिफारिश कर सकती है।