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काशी में मोदी सरकार की योजना से सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी को खतरा

केंद्र सरकार की गंगा किनारे दशाश्वमेघ घाट पर फ्लोटिंग जेटी बन कर तैयार हो गई। ये जेटी वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर लगाई जानी है। जिससे घाट पर आरती देखने वालो को गंगा का और भी भव्य रुप देखने को मिले।

By अश्विनी त्रिपाठी
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वाराणसी। केंद्र सरकार की गंगा किनारे दशाश्वमेघ घाट पर फ्लोटिंग जेटी सोमवार को बन कर तैयार हो गई। यह फ्लोटिंग जेटी वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर लगाई जानी है। जिससे घाट पर आरती देखने वालो को गंगा का और भी भव्य रूप देखने को मिले। लेकिन इस लगाने में अब चुनावी आचार संहिता का मामला सामने आता दिख रहा है। क्योंकि इस प्रोजेक्ट को बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों ने कई बार दशाश्वमेघ पुलिस से सहयोग मांगा है। लेकिन ऐसे में आदेश का हवाला देकर पुलिस आनाकानी करती नजर आ रही है। वहीं, दूसरी ओर फ्लोटिंग जेटी के लगाए जाने पर नाविक समाज ने केंद्र के खिलाफ हल्ला बोल दिया है और नावों का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया गया है। ये भी पढ़ें: यूपी चुनाव: सर्वे में खुलासा, कांग्रेस-सपा गठबंधन के बाद भी आगे रहेगी बीजेपी

क्या कहते हैं संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर

क्या कहते हैं संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर

संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर शोभित मिश्रा बताते हैं कि मुंबई की एक संस्था ने वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर वाराणसी आने वाले सैलानियों को भव्य आरती देखने के लिए इस फ्लोटिंग जेटी को बनाने का काम मिला था जो सोमवार को ही बन कर तैयार हो गई थी। लेकिन अब लगाने के लिए हमने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क भी किया है। लेकिन, अब तक हमे कोई जबाब नहीं मिला है। क्योंकि बिना प्रशासनिक मदद के इसे लगाया नहीं जा सकता है।

नाविकों के किया केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध

नाविकों के किया केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध

मां गंगा निषादराज सेवा समिति ने केंद्र सरकार के खिलाफ धावा बोलते हुए गंगा में नावों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया है। इस समिति के अध्यक्ष विनोद निषाद ने oneindia से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना से हजारों नाविकों के घरो का चूल्हा बंद हो जायेगा और रोजी-रोटी के लाले पड़ जायेंगे। ऐसे में हमने गंगा में नावो को नहीं चलाने का निर्णय किया है और 24 घंटे तक केंद्र को इस योजना को कैंसिल करने का समय दिया है। वहीं, इस योजना को वापस न लेने पर बड़े आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है।

क्या फर्क पड़ता है गंगा में नावों के न चलने पर

क्या फर्क पड़ता है गंगा में नावों के न चलने पर

बता दें कि वाराणसी में हजारों सैलानी रोजाना सुबह-शाम गंगा के किनारे घूमने आते हैं और गंगा नदी में से ही गंगा और घाटों का पूरा प्राकृतिक नजारा अच्छा दिखता है। ऐसे में नावों के चलाए जाने से रोक के बाद जहां टूरिज्म पर फर्क पड़ेगा वहीं काशी आने वाले सैलानियों को भी मायूस होकर यहां से वापस लौटना पड़ेगा। बता दें कि काशी के गंगा घाटों पर सैलानियों का अच्छा खासा जमावड़ा देखा जाता है।

प्रोजेक्ट के जरिए हो रहा है आचार संहिता का उल्लंघन

प्रोजेक्ट के जरिए हो रहा है आचार संहिता का उल्लंघन

बता दें कि सरकार के इस प्रोजेक्ट को कहीं न कहीं यूपी विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है। क्योंकि इस बनाने वाली कंपनी के लोगों ने कई बार दशाश्वमेघ पुलिस से सहयोग मांगा लेकिन ऐसे में आदेश का हवाला देकर पुलिस आनाकानी करती नजप नजर आ रही है। वहीं, दूसरी ओर फ्लोटिंग जेटी के लगाए जाने पर नाविक समाज ने केंद्र के खिलाफ खुलकर हल्ला बोल दिया है और नावों का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया गया है। ये भी पढ़ें: जानिए राजनीति में इस खानदान की कहानी, दादा से लेकर पोता तक बना विधायक

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English summary
varanasi ganga ghat sailor agaisnt govt for floating jetty in uttar pradesh, demanding to stop this project.
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