यूपी: छात्रवृति हड़पने का खेल, कक्षा नौ में 50 साल के बुजुर्ग को बनाया छात्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्कूली बच्चों को मिलने वाले वजीफे को हड़पने के लिए गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। समाज कल्याण विभाग के पास वजीफे के लिए आए आवेदनों में गड़बड़ी के करीब 18 हजार मामले मिले हैं। इसमें कहीं कक्षा नौ में पढ़ने वाले छात्र की उम्र 50 साल है तो कहीं इससे भी ज्यादा। इस तरह के मामले आने के बाद समाज समाज कल्याण विभाग ने इन सभी आवेदक छात्रों का भुगतान रोक दिया है। इन सभी ने अनुसूचित जाति के छात्र के तौर पर वजीफे के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।
आधार से पकड़ी गई गड़बड़
अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक, चालू शैक्षिक सत्र में कक्षा नौ और दस के करीब सवा चार लाख विद्यार्थियों ने छात्रवृति के लिए आवेदन किए हैं। समाज कल्याण विभाग को कुछ आवेदन संदिग्ध लगे तो इसकी जांच कराई गई। आवेदन में छात्रों के आधार नंबर भी दिए गए हैं। जब आधार नंबर से इनकी जानकारी ली गई तो 18 हजार से ज्यादा आवेदकों की उम्र 40 से 50 के बीच निकली।
कक्षा नौ-दस में 18 हजार बुजुर्ग कैसे?
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को कहना है कि कक्षा नौ और दस में छात्रों की उम्र अमूमन 14-15 साल से 18-19 साल तक होती है। कुछ छात्र इससे ज्यादा उम्र के भी होते हैं लेकिन इतनी बड़ी संख्या में 45 से 50 साल के छात्रों का होना गड़बड़ की ओर इशारा करता है।
शासन स्तर से जांच के आदेश
समाज कल्याण विभाग ने इस मामले की जानकारी शासन को दे दी है, जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इन मामलों में डाटा आगे बढ़ाने वाले शिक्षण संस्थानों और जिलास्तरीय अधिकारियों की भूमिका भी संदेह में हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये सब वजीफा हड़पने के लिए किया फ्रॉड हो सकता है। वहीं पात्र पाए गए करीब सवा चार लाख छात्रों को छात्रवृति भेज दी गई है।