अक्षम कर्मचारी को मूल वेतन से कम पर नहीं दी जा सकती नियुक्ति: हाईकोर्ट
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई कर्मचारी किसी वजह से उस काम में अक्षम हो जाता है जिस पद पर वह काम कर रहा है तो विभाग उसे उसके मूल वेतन से कम वेतनमान पर दूसरी सेवा में नहीं नियुक्त कर सकता। कर्मचारी को दूसरी सेवा में भेजा जाता है उसे मूल वेतन से कम ना दिया जाए। एक रेलवे कर्मचारी के मामले पर ये अहम फैसला देत हुए कोर्ट ने रैंक से छोटे पद पर काम देकर कम वेतन देने पर रेलवे पर 50 हजार हर्जाना लगाया है। साथ ही कर्मचारी को मूल वेतन के साथ समान पद पर तैनाती और ब्याज के साथ एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस भारती सप्रू और जस्टिस सिद्धार्थ की खण्डपीठ ने दिया।
रेलवे कर्मचारी एस.क्यू अहमद को कर्मचारी को आंख की कमजोरी के कारण विभाग में दूसरे पद पर कम वेतन पर तैनात किया गया। कर्मचारी का कहना था कि सेवा काल में अक्षमता आने पर कर्मचारी को समान वेतनमान पर दूसरे कार्य के लिए नियुक्त किया जा सकता है। इसलिए रेलवे उसे कम वेतन पर दूसरे काम के लिए नियुक्त नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा कि, कम वेतन देने से न केवल कर्मचारी के जीवन स्तर पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि उसका परिवार भी प्रभावित होगा। ऐेसे में अक्षम कर्मी को कम वेतन पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती।
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