बसपा के दो पूर्व कद्दावर नेताओं के सपा में आने से अखिलेश का कारवां हुआ मजबूत, यूपी चुनाव में मिल सकता है फायदा
लखनऊ। बसपा से निकाले गए दो कद्दावर नेताओं ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया है। सोमवार को अखिलेश यादव ने प्रेस वार्ता में भाजपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, निषाद पार्टी समेत अन्य दलों से सपा में आए नेताओं का स्वागत किया। पूर्व बसपा नेता लालजी वर्मा और राम अचल राजभर भी सपा में शामिल होने जा रहे हैं। दोनों पांच-पांच बार विधायक रह चुके हैं और अंबेडकरनगर समेत आसपास के जिलों में इनका अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है। औपचारिक रूप से वे सात नवंबर को अंबेडकरनगर की रैली में सपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इसका ऐलान सोमवार को दोनों नेताओं ने अखिलेश यादव की उपस्थिति में किया। इसी साल जून में दोनों वरिष्ठ नेताओं को मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियां करने के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों नेता भाजपा या सपा की ओर रुख कर सकते हैं। अब उन अटकलों पर विराम लग गया है।

अखिलेश यादव ने किया नेताओं का स्वागत
अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत किया और कहा कि सपा का कारवां रोज बढ़ रहा है, भाजपा का जाना तय है। कटेहरी विधायक लालजी वर्मा और अकबरपुर विधायक राम अचल राजभर बसपा के कद्दावर नेता और सुप्रीमो मायावती के करीबी विश्वासपात्र रहे थे। अंबेडकरनगर और आसपास के जिलों में प्रभाव रखने वाले इन दोनों नेताओं के पार्टी में आने से सपा को मजबूती मिलेगी और पार्टी को उम्मीद है कि आगामी चुनाव में इसका फायदा मिलेगा। लालजी वर्मा और राम अचल राजभर बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। बसपा में दोनों नेताओं का कद काफी ऊंचा था। राम अचल राजभर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। लालजी वर्मा बसपा के विधानमंडल दल के नेता रहे थे। जिला पंचायत चुनाव के दौरान लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने अपने समर्थकों को जिला पंचायत चुनाव में खड़ा कर दिया था जिससे बसपा प्रत्याशियों को नुकसान हुआ।

सपा में क्यों शामिल हो रहे दोनों कद्दावर नेता?
पत्रकारों से बात करते हुए लालजी वर्मा ने कहा कि वे 25 सालों तक बसपा में रहे और राम अचल राजभर 35 सालों तक बसपा की सेवा करते रहे लेकिन समर्पित होकर काम करने के बावजूद जून में उनको पार्टी से निकाल दिया गया। कहा कि जनता भाजपा के कुशासन से त्रस्त है और अभी प्रदेश के लिए समाजवादी पार्टी ही एकमात्र विकल्प है। अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता में लालजी वर्मा ने कहा कि सात नवंबर को अंबेडकरनगर में सत्ता परिवर्तन जनादेश रैली होने जा रही है, इसमें वे सपा मुखिया को आमंत्रित करने के लिए आए हैं। उस रैली में समर्थकों के साथ लालजी वर्मा और राम अचल राजभर समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे।

अखिलेश ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। सोमवार को सिद्धार्थनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इस पर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि जब महामारी में गरीबों को इलाज और दवाई की जरूरत थी तब वो कहां थी? अखिलेश ने सपा शासनकाल में बने मेडिकल कॉलेजों की उपेक्षा करने का भी आरोप योगी सरकार पर लगाया। कहा कि भाजपा सरकार ने पहले से बने मेडिकल कॉलेजों का बजट रोक दिया।
भाजपा
सरकार
ने
यूपी
में
पहले
से
बने
मेडिकल
कॉलेजों
को
बजट
क्यों
नहीं
दिया,
अखिलेश
ने
पूछा