सेना भर्ती फर्जीवाड़े: दौड़ किसी ने लगाई, मेडिकल कराने आया कोई और
वाराणसी। यूपी के वाराणसी सेना भर्ती रैली में कुछ युवा नौकरी पाने के लिए ऐसी धोखाधड़ी कर रहे हैं कि आप भी इसे जानकर हैरान हो जाएंगे। यहां सेना भर्ती के दौरान रविवार को हुए मेडिकल परीक्षा देने आए दो मुन्नाभाई को आर्मी इंटेलिजेंस की टीम के हत्थे चढ़ गए। आरोपियों की पहचान इटावा निवासी उपेंद्र सिंह और बुलंदशहर के राकेश के तौर पर हुई है। दोनों के पास से फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। इन दोनों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था जिसके बाद शनिवार को उनकी जगह दूसरे दो लड़कों ने दौड़ लगाई थी। दोनों ने आजमगढ़ जिले की सगड़ी तहसील के जीयनपुर और हरिशंकरपुर गांव के पते पर रजिस्ट्रेशन करवाया था।
दौड़ तो लग गई, मगर मेडिकल परीक्षा के दौरान बायोमीट्रिक अटेंडेंस में उनकी धोखाधड़ी पकड़ी गई। सूबेदार मेजर महेंद्र सिंह की तहरीर पर दोनों के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
सेना भर्ती निदेशक राजेश सिंह ठाकुर ने बताया कि दोनों आरोपियों ने पूछताछ में अपनी गलती मान ली है। इंटेलिजेंस, एसटीएफ और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने दोनों से लगभग चार घंटे तक पूछताछ की। जिसमें खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपियों ने फर्जी तरीके से दुष्यंत और आदेश ने युवकों के साथ 1600 मीटर की दौड़ में शामिल हुए थे। उपेंद्र और राकेश को फर्जी तरीके से भर्ती कराने का ठेका दुष्यंत और आदेश ने लेकर दो लड़कों की दौड़ कराई थी।
फिलहाल पुलिस अब दुष्यंत और आदेश की तलाश में लगी है। सेना भर्ती रैली के आठवें दिन के लिए देवरिया जिले की देवरिया, रुद्रपुर और बरहज तहसील के 5697 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। इनमें से 3989 युवक ही आए हुए थे जिसमें 380 लड़कों ने दौड़ निकालने में सफल रहे।
ये भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर मोदी-योगी के लिए कहे अपशब्द, वीडियो से माहौल बिगाड़ने की कोशिश