यूपी: ट्रेन पलटने की साजिश, पटरी पर रखे लोहे के टुकड़े, निकाल दी सेफ्टी पिन
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में बनारस से लखनऊ जा रही गाड़ी नंबर 4219 इंटरसिटी एक्सप्रेस को प्रतापगढ़ में पलटने की साजिश की गई थी। ट्रैक पर ईंट-पत्थर के साथ लोहे के टुकड़े रखे गए थे जबकि 20 मीटर तक ट्रैक पर लगी सेफ्टी लॉक पिन भी निकाल ली गई थी। समय रहते ड्राइवर की नजर ट्रक पर किये गये अवरोध पर पड़ गई और उसने ट्रेन रोक दी। यहां से गाड़ी जैसे ही गुजरती एक झटके के बाद ट्रेन बेपटरी हो सकती थी। यह साजिश किसकी थी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन समय रहते अगर चालक ने ब्रेक नहीं लगाई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
ट्रैक
साफ
होने
के
बाद
आगे
भेजी
गई
ट्रेन
बनारस
से
लखनऊ
के
बीच
चलने
वाली
इंटरसिटी
एक्सप्रेस
को
पलटने
की
साजिश
अराजक
तत्वों
की
थी
या
आतंकी
घटनाओं
के
तार
इसमें
जुड़े
हैं
इसके
लिए
रेलवे
की
यूनिट
जांच
कर
रही
है।
मौके
पर
पहुंचे
अधिकारियों
ने
ट्रैक
से
ईट
पत्थर
व
अवरोध
हटाया,
ट्रैक
से
दोनों
तरफ
से
निकाली
गई
सेफ्टीपिन
फिर
से
लगाई
गई
और
लगभग
आधे
घंटे
तक
ट्रेन
खड़ी
रही।
40
मिनट
बाद
ट्रेन
रवाना
यात्री
बोगियों
से
नीचे
पटरियों
पर
उतर
आए
और
पूरी
तरीके
से
दहशत
का
माहौल
रहा।
ट्रैक
साफ
होने
के
बाद
लगभग
40
मिनट
की
देरी
से
ट्रेन
को
रवाना
किया
गया।
मौके
पर
जीआरपी
और
रेल
अधिकारी
जांच
पड़ताल
कर
रहे
हैं
।
मामले
की
सूचना
अधिकारियों
को
दी
गई
है।
कई
डिब्बे
हो
जाते
बेपटरी
प्रतापगढ़
के
रास्ते
बनारस
से
लखनऊ
जा
रही
इंटरसिटी
एक्सप्रेस
जब
प्रतापगढ़
के
चिलबिला
जलेसर
गंज
स्टेशन
के
बीच
चमरावल
पुल
के
पास
पहुंची
तभी
ड्राइवर
की
नजर
ट्रैक
पर
रखे
अवरोध
पर
पड़ी।
ड्राइवर
ने
गाड़ी
रोकने
के
बाद
सबसे
पहले
चिलबिला
स्टेशन
मास्टर
को
सूचना
दी
और
तत्काल
बनारस
से
नई
दिल्ली
जा
रही
काशी
विश्वनाथ
एक्सप्रेस
को
चिलबिला
रेलवे
स्टेशन
पर
ही
रोक
दिया
गया।
मामले
में
चिलबिला
स्टेशन
अधीक्षक
आरके
तिवारी
ने
बताया
कि
अराजक
तत्वों
ने
ट्रैक
पर
ईंट-पत्थर
के
साथ
लोहे
के
टुकड़े
रखकर
20
मीटर
तक
ट्रैक
की
चाबी
निकाल
ली
थी।
उसे
ठीक
कर
ट्रेन
को
आगे
के
लिए
रवाना
किया
गया
है।
घटना
की
जानकारी
आरपीएफ
और
जीआरपी
के
साथ
आलाधिकारियों
को
दे
दी
गई
है।
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