एसपी सुरेंद्र की पत्नी रवीना पर लग रहे आरोपों पर आया पिता का तीखा पलटवार
कानपुर। जांबाज एसपी सुरेंद्र दास के इस कदर टूटकर मौत को गले लगाने से सभी लोग हैरान हैं। उनके अंतिम संस्कार के बाद अब उनकी सुसाइड मिस्ट्री में नये मोड़ आते जा रहे हैं। सुरेंद्र की पत्नी रवीना पर लग रहे आरोपों के बाद अब ससुर डॉ. रावेंद्र ने अब चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपनी बेटी रवीना के बचाव में कहा, 'मेरी बेटी का सुहाग उजड़ गया, किसी पिता के लिए इससे बड़ा दुख और क्या हो सकता है। इसके बाद भी अगर जिस को कुछ कहना है तो कहता रहे। हमें किसी चीज की कोई लालसा नहीं थी'। बेटी पर तमाम लग रहे आरोपों पर रावेंद्र ने कहा कि सही वक्त आने पर उचित जवाब देंगे। कुछ लोग फालतू की बातें करके और परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। रावेंद्र ने ऐसे लोगों के लिए कहा कि दामाद की मौत की सही वजह जाने बगैर कुछ न कहें।
सुरेंद्र की मौत का मामला पहुंचा कोर्ट तक
वहीं, सुरेंद्र की मौत का मामला अब कोर्ट तक पहुंच गया है। एसपी सुरेंद्र दास की आत्महत्या के मामले में एडवोकेट प्रमोद कुमार सक्सेना ने सीएमएस कोर्ट में अज्ञात लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज करने संबधी में अर्जी दी है। वहीं इस केस की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 22 सितंबर की तारीख दी है। वकील के मुताबिक, मीडिया में छपी खबरों से साफ है कि घरेलू कलह से परेशान होकर एसपी सुरेंद्र ने सल्फास की गोलियां खा ली थी। पांच दिन जिंदगी से लड़ रहे सुरेंद्र की नौ सितंबर को मौत हो गई। आपको बता दें कि खुलासे में पता चला कि एसपी ने गूगल पर आत्महत्या के तरीके खोज रहे थे।
महीनों तक मां से नहीं हुई बात
शादी के दो महीने बाद ही पति-पत्नी में अनबन होने लगी थी। मां इंदू की मानें तो बेटे से बात किए हुए उन्हें दो महीने हो गए थे। मां का कहना है कि बचपन से मेधावी रहे सुरेंद्र दास की इच्छा इंजीनियरिंग करने की थी तो उन्हें इलेक्ट्रि्कल से इंजीनियरिंग कराया।मगर मौत के साथ सारी आकांक्षाएं टूटकर चकनाचूर हो गईं।
बेस्ट डॉक्टरों ने किया था इलाज
बता दें कि कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान भर्ती रहे एसपी सुरेंद्र दास के इलाज का खर्च कुल 6 लाख रुपये आया है। एसपी सुरेंद्र दास ने बुधवार को जहर खाया था और उन्हें रविवार तक अस्पताल के आईसीयू वार्ड में रखा गया था। इस दौरान बीच में शनिवार को उनके बायें पैर का ऑपरेशन भी किया गया था। उनके बायें पैर में खून का थक्का जम गया था जिससे पैर में रक्त का प्रवाह बाधित हो गया था। बेहरतर इलाज के लिए मुंबई से डॉक्टरों की टीम भी पहुंची थी। जिसने दिन-रात एक कर के एसपी सुरेंद्र दास को बचाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन अफसोस की उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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