यूपी चुनाव में लकी नंबर बना 7, जानें क्यों इसके आधार पर जीत का दावा कर रही बीजेपी और सपा
नई दिल्ली, 16 जनवरी: उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां इन दिनों जोरों पर हैं, जहां सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहीं। कुछ नेताओं को जनता के साथ-साथ 'नंबर्स गेम' (लकी नंबर) पर भी भरोसा है, वो उसी के आधार पर ही जीत की बात कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा 7 नंबर की हो रही, क्योंकि यूपी के चुनाव 7 चरणों में होने हैं। नेताओं का मानना है कि 7 शुभ अंक है, जो उनको जिताने में मदद करेगा। इसके पीछे वे सप्तऋषि नक्षत्र, शादी के 7 फेरे, संगीत के सात मूल स्वर और इंद्रधनुष के 7 रंगो का तर्क दे रहे हैं।
'2017-2019 का चुनाव है उदाहरण'
बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने कहा कि 7 नंबर हमेशा शुभ होता है। सप्तर्षि (सात पूज्य हिंदू संत) नक्षत्र है। एक इंद्रधनुष में सात रंग और भारतीय शास्त्रीय संगीत में सात मूल स्वर होते हैं। 2017 में भी विधानसभा चुनाव 7 फेज में हुए थे, जिसमें बीजेपी जीती। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव भी 7 फेज के रहे, जिस पर पीएम मोदी दोबारा सत्ता में आए। अब फिर से चुनाव आयोग यूपी में 7 चरणों में चुनाव करवा रहा है। ऐसे में बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें मिलेंगी।
कांग्रेस ने किया पलटवार
वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी की जीत का एक और कारण बताते हुए यूपी बीजेपी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि इस बार चुनावी चरण पश्चिमी से पूर्वी यूपी की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में बीजेपी अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराएगी, जैसा कि उसने 2017 और 2019 के चुनावों में किया था। उनके इस बयान पर पलटवार करते कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी के लिए 7 अंक सही है, इस बार वो सात समुंदर पार यानी सत्ता से बाहर जाएगी। यूपी की जनता अब बीजेपी के 'सात रंग के सपने' के बहकावे में नहीं आने वाली है।
सपा को भी 7 नंबर लग रहा सही
वहीं समाजवादी पार्टी की यूपी इकाई के उपाध्यक्ष सुरेंद्र श्रीवास्तव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि सात चरणों का विधानसभा चुनाव इस बार सपा के लिए भाग्यशाली साबित होगा। सपा अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ लोगों को मंत्रमुग्ध कर देगी। चुनाव का सातवां और अंतिम चरण दिलचस्प रूप से 7 मार्च को पड़ रहा है, जो सपा के पक्ष में आएगा। वैसे नेता चाहे जितने भी दावे कर लें, ये तो 10 मार्च को ही पता चलेगा कि 7 लकी नंबर है या अनलकी।
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