सहारनपुर हिंसा: योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने आए थे सपाई, पैरामिलट्री फोर्स देख खिसक लिए
राहुल गांधी के बाद सपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आगमन पर भी जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है, जिसके बाद आज दोपहर सपा नेता और कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के इरादे से पहुंचे।
सहारनपुर। सहारनपुर जनपद में जातीय दंगे की आग कुछ शांत हुई तो अब राजनीति शुरु होने लगी है। सहारनपुर दंगे को लेकर प्रदर्शन करने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे सपा कार्यकर्ता अभी पूरी तरह से नारेबाजी कर भी नहीं सके थे कि वहां पहुंचे पैरा मिलट्री फोर्स के जवानों को देख चुप्पी साधकर खिसक लिए और आनन फानन में डीएम को ज्ञापन दे कर वापस लौट गए।
सपा कार्यकर्ता अभी पूरी तरह से कलेक्ट्रेट पर एकत्रित होकर नारेबाजी भी नहीं कर सके थे कि वहां पर पहुंचे पैरा मिलट्री फोर्स के जवानों को देखकर चुप्पी साध गए और एक एक कर इधर उधर हो गए। इसके बाद सपा के नगर विधायक संजय गर्ग, पूर्व राज्य मंत्री सरफराज खान, जिलाध्यक्ष चौधरी जगपाल दास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी पीके पाण्डेय से मुलाकात की और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपने के बाद वापस लौट गए।
क्या आरोप है ज्ञापन में
ज्ञापन में सपाईयों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों के बाद भाजपा सरकार बनते ही अराजकता का माहौल शुरु हो गया है। आरोप लगाया कि भाजपा एवं आरएसएस के अनुशांगिक अंग बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, युवा मोर्चा व हिन्दू युवा वाहिनी जैसी संगठनों ने कानून व्यवस्था को अपने हाथो में ले लिया है। अरोप लगाया कि इसके चलते सूबे में हत्याओं, डकैती, बलात्कार, अपहरण, साम्प्रदायिक व जातीय हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। आरोप लगाया कि दलित तथा कमजोर वर्ग का उत्पीडन हो रहा है।
अपराधिक तत्व खुलेआम कानून के लिए चुनौती बन गये हैं। अराजकता की स्थिति यह है कि एसएसपी आवास पर भाजपा सांसद, विधायक एवं उपद्रवी घुस गये। आरोप लगाया कि प्रदेश में जंगलराज कायम है। पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की पिटाई कर अपमानित किया जा रहा है। दो माह के दौरान सहारनपुर जनपद में सड़क दूधली, शब्बीरपुर व रामनगर में गंभीर घटनाएं हुई। आरोप लगाया कि भाजपाईयों ने सड़क दूधली के अंदर बाबा साहेब की शोभा यात्रा के नाम पर नंगा नाच किया।
प्रदेश के अन्य स्थानों पर कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। जातीय व साम्प्रदाय के नाम पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में भाजपा पर साम्प्रदायिक, दलित विरोधी तथा बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया। राज्यपाल से भाजपा सरकार पर प्रभावी अंकुश लगाने की मांग की। इस दौरान पूर्व विधायक विमला राकेश, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष राज सिंह माजरा, फैसल सलमानी, हसीन अहमद कुरैशी, बख्तावर सिंह, मौ. आजम शाह, चौ. अब्दुल गफूर, चौ. प्रीतम सिंह, सलीम प्रधान, सुदेश गुर्जर, नदीम कुरैशी, अरशद अली, कुंवर पाल राठी आदि उपस्थित रहे।