मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी सपा ने UP में की इस बड़े अभियान की शुरूआत, जानिए क्या बोले अखिलेश
लखनऊ, 5 जुलाई: उत्तर प्रदेश में चुनाव दर चुनाव हार झेल रही समाजवादी पार्टी ने आखिरकार मंगलवार को अपने सदस्यता अभियान की शुरूआत की। इस अभियान की शुरूआत सपा के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की। इससे पहले अखिलेश ने पार्टी के सभी मोर्चों को भंग कर दिया था। जल्द ही वह नई कार्यकारिणी और मोर्चे का गठन भी करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि यह अभियान राज्य भर की तहसीलों, क्षेत्रों और जिलों में चलाया जाएगा। इस मौके पर हालांकि उन्होंने योगी सरकर के 100 दिन पर जमकर चुटकी लेते हुए कहा कि जिस तरह से तबादले को लेकर विवाद सामने आ रहा है उससे लगता है कि सरकार को पर्दे के पीछे से कोई और चला रहा है। इसलिए अधिकारी डिप्टी सीएम तक की नहीं सुन रहे हैं।
अखिलेश ने ली योगी सरकार पर चुटकी
मंगलवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यादव ने योगी सरकार के "100 दिन पूरे होने" पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि सीएम को अपनी पांच साल और 100 दिनों की उपलब्धियों के बारे में बोलना चाहिए। यह सरकार आज भी समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा पूरे किए गए प्रोजेक्ट्स का रिबन काट रही है। जो कुछ भी उद्घाटन किया जा रहा है, वह भी अधूरा है।
पर्दे के पीछे से कौन चला रहा सरकार
बिना नाम लिए यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर तंज कसते हुए यादव ने कहा कि अधिकारी डिप्टी सीएम की नहीं सुनते। हाल ही में तबादले उनसे सलाह लिए बिना किए गए थे। ये हैं डिप्टी सीएम जो अपने औचक छापे के लिए जाने जाते हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई पीछे से योगी सरकार चला रहा है।
कांग्रेस की तरह एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कांग्रेस पर हमला करते हुए, सपा प्रमुख ने आगे कहा कि जब कांग्रेस दिल्ली में थी, तो वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को विपक्ष के पीछे रखती थी। बीजेपी भी उसी रास्ते पर है। महाराष्ट्र में उन्होंने (भाजपा) स्वीकार किया कि ईडी की सरकार है। ईडी की सरकार मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी मौजूद है। भाजपा इन संस्थानों का दुरुपयोग कर रही है।
फ्रंटल संगठनों का जल्द विस्तार करेंगे अखिलेश
ऐसा माना जा रहा है कि इस सदस्यता अभियान के पूरा होने के बाद सपा अपने सभी फ्रंटल संगठनों का नए सिरे से विस्तार करेगी। सूत्रों के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भाजपा से आए नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं, जबकि दलित, ओबीसी और मुस्लिम समुदायों के नेताओं को भी महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे। नई कार्यसमिति में ब्राह्मण और कायस्थ समुदाय के नेताओं के लिए जगह बनाने की योजना है।
सितंबर तक होगा नई कार्यकारिणी का गठन
पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह एक बड़ा कदम है जिसे 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारियों से जोड़ा जा रहा है. सूत्रों के अनुसार अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर की शुरुआत में होने वाले सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद सपा की नई कार्यकारिणी का गठन किया जा सकता है। दरअसल यादव ने कुछ दिन पहले पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर सभी युवा संगठनों, महिला सभाओं और अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय और राज्य कार्यसमिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था।
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