बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी को मिली सजा क्या UP में गैंगस्टर युग के अंत की शुरुआत ?
लखनऊ, 24 सितंबर: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार बनने के बाद से ही माफियाओं के खिलाफ एक्शन जारी है। शासन से जुड़े अधिकारियों की माने तो पिछले पांच साल में योगी की सरकार के दौरान 14,000 गैंगस्टरों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि 795 के खिलाफ एनएसए और गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सरकार की इस कार्रवाई से अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की मंशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। अधिकारियों का दावा है कि जिस तरह से सरकार ने अपराधियों के आर्थिक सम्राज्य पर चोट किया है उसी तरह अब अपराधियों के खिलाफ प्रभावी साक्ष्यों को भी एकत्र कर अदालत में प्रस्तुत कराने की शुरुआत की जा रही है जिससे उन्हें सजा दिलाई जा सकेगी।
मुख्तार अंसारी को बैक टु बैक दो मामलों में मिली सजा
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार कहते हैं, '' देखिए इसको दो तरह से देखा जा सकता है। एक तो यह सरकार की अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की ही हिस्सा है। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार ने प्रभावी तरीके से माफियाओं के खिलाफ साक्ष्य एकत्र करके उसे अदालत में पेश करने की कोशिश कर रही है जिससे सजा मिलने की शुरूआत हुई है। इसे यूपी में गैंगस्टर युग के अंत की शुरूआत भी कह सकते हैं।'' हालांकि शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी दावा किया कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच द्वारा पिछले दो दिनों में दो बार बैक टू बैक मामलों में सजा देना यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला यूपी में गैंगस्टरों के युग के अंत की शुरुआत है। अंसारी वर्तमान में प्रयागराज एमपी-एमएलए अदालत के साथ-साथ आजमगढ़ और गाजीपुर अदालतों में 10 अलग-अलग मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
मुख्तार को सजा मिलने की शुरुआत क्या गैंगस्टर युग का अंत ?
अधिकारी ने कहा कि वह गाजीपुर, मऊ, वाराणसी, सोनभद्र, लखनऊ और चंदौली जिलों में काम करता था, जबकि उसके अपराधों में हत्या, हत्या की साजिश, जबरन वसूली रैकेट चलाना, अपहरण जैसे मामलों में शामिल हाने का आरोप है। पूर्वांचल में मुख्तार एंड कम्पनी और उनके पूरे परिवार की अब तक 448 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति कुर्क की जा चुकी है। मुख्तार परिवार का आर्थिक साम्राज्य ध्वस्त करने के बाद अब सरकार ने संगीन मामलों में सजा दिलवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है।
अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में यूपी नंबर वन
एनसीआरबी की रिपोर्ट 2021 के अनुसार, सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया कि राज्य में सजा की दर देश में सबसे सबसे अधिक है। उदाहरण के लिए महिलाओं के खिलाफ अपराध में अपराधियों की सजा, साइबर अपराध, हथियारों की जब्ती और आईपीसी के तहत गिरफ्तारी देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष पर है। सीएम योगी आदित्यनाथ कई बार कह चुके हैं कि यूपी में अपराध और अपराधियों को सख्ती से कुचला जाएगा।
अब तक 21,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया गया
प्रवक्ता ने दावा किया कि योगी सरकार ने 50 माफिया समूहों की पहचान करने के साथ-साथ 21,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त करते हुए अपराधियों की 1,420 करोड़ रुपये की अवैध वार्षिक आय पर रोक लगा दी है। प्रवक्ता ने बताया कि 20 मार्च 2017 से 29 अगस्त 2022 के बीच 14,000 गैंगस्टरों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि 795 के खिलाफ एनएसए और गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गैंगस्टरों की गतिविधियों पर लगाम लगाने में सफल योगी सरकार
प्रवक्ता के मुताबिक, योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी की 448 करोड़ रुपये, अतीक अहमद की 959 करोड़ रुपये, देवेंद्र सिंह की 111 करोड़ रुपये, यशपाल तोमर की 94 करोड़ रुपये और 32 करोड़ रुपये की संपत्ति सहित कई करोड़ गैंगस्टरों की संपत्ति जब्त की है। सीएम योगी के कार्यकाल में भी कई गैंगस्टर पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी से संकेत मिलता है कि सरकार राज्य में गैंगस्टरों की गतिविधियों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है।
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