बनारस पहुंचे 200 से ज्यादा विदेशी पर्यटकों को नहीं मिले होटल, टेंट में रुकने को हुए मजबूर
वाराणसी। अमेरिका, यूएई, जर्मनी, हॉलैंड और फ्रांस जैसे कई देशों के 200 से ज्यादा टूरिस्ट्स जब ग्रुप में डिनर के लिए बनारस पहुंचे तो किसी भी होटल में उन्हें ठहराव नहीं मिल सका। न तो बनारस में कोई भी बड़ा होटल इन रइसों के लिए डिनर, ब्रेकफास्ट एक साथ करा पाया और न ही इतने कमरों की व्यवस्था हो सकी। ऐसे में ये सभी विदेशी टेंटों में ठहरने को मजबूर हो गए। उन्हें इसके लिए राज परिवार के रामबाग स्थित स्विस कॉटेज में जाना पड़ा। अब यहां वे सभी एक साथ ठहरेंगे और ब्रेकफास्ट और डिनर करेंगे। इसके साथ काशी परंपरा से भी रूबरू होंगे।
जब
नहीं
मिले
होटल
तो
ऐसे
हुईं
व्यवस्था
बता
दें
कि
ये
वही
सैलानी
हैं
जिनके
बारे
में
कहा
जा
रहा
था
कि
वे
रामलीला
देखने
आ
रहे
हैं।
एशिया
के
सबसे
प्राचीन
शहर
में
एक
साथ
रहने
व
खाने
की
चाहत
उन्हें
बनारस
खींच
लाई।
एक
सर्वे
के
बाद
शहर
के
ही
रामबाग
में
बने
कॉटेज
उनके
लिए
चुना
गया,
क्योंकि
होटलों
के
मालिक
पूरी
जिम्मेदारी
लेने
को
तैयार
नहीं
थे।
बताया
जाता
है
कि
रामनगर
किले
से
सहमति
लेने
के
बाद
राजस्थान
की
आगमन
संस्था
के
लोगों
ने
यहां
कॉटेज
बनाया
और
सारी
व्यवस्था
सुनिश्चित
की।
200
से
ज्यादा
सैलानी,
150
स्विस
कॉटेज
बनाए
गए
अबूधाबी,
यूएसए,
जर्मनी,
फ्रांस,
इटली,
हालैंड
आदि
के
टूरिस्ट्स
ने
भारत-भ्रमण
के
लिए
यह
अच्छा
वक्त
चुना।
लिहाजा,
बीते
करीब
15
दिनों
से
इसकी
तैयारी
चल
रही
थी।
200
से
ज्यादा
लोगों
के
लिए
यहां
150
स्विस
कॉटेज
बनाए
गए।
इसके
साथ
एक
बड़ा
रेस्टोरेंट
भी
तैयार
किया
गया।
ताकि
कोई
परेशानी
न
हो,
इसलिए
20
सेक्योरिटी
गार्ड
और
20
बाउंसरों
को
उनकी
सुरक्षा
में
लगाया
गया।
बुधवार
की
देर
रात
ये
सैलानी
बनारस
पहुंचे।
फायर
ब्रिगेड़
भी
मंगवाई
राज
परिवार
के
रामबाग
स्थित
स्विस
कॉटेज
में
ठहराने
के
साथ
ही
यहां
एहतियातन
दो
फायर
ब्रिगेड
की
गाड़ी
भी
पहुंचा
दी
गई
हैं।
कुछ
आलाधिकारी
आज
उनसे
बात
करने
पहुंचे
हैं।
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