मिलिए यूपी की पहली महिला बस ड्राइवर Priyanka से, पति की मौत के बाद भी नहीं मानी हार, बेची चाय-ट्रक भी चलाया
first woman govt bus driver Priyanka Sharma: पति की मौत के प्रियंका शर्मा के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। बच्चों को पालने के लिए प्रिंयका ने फैक्ट्री में काम किया, चाय बेटी और ट्रक भी चलाया।
First Woman Bus Driver Priyanka Sharma: महिलाओं का स्कूटी, बाइक और कार चलाना तो आम बात हो चुकी है। लेकिन, बस और ट्रैक जैसे भारी वाहन को चलाते हुए महिलाएं कम ही दिखती है। लेकिन आज हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो यूपी की सड़कों पर सरकारी बस दौड़ाते हुए नजर आएगी। दरअसल, पिछले दिनों UPSRTC की ओर से बस ड्राइवरों की भर्तियां की गईं थी, जिसमें 26 महिला ड्राइवर को भी शामिल किया गया है। उन्हीं में एक नाम प्रियंका शर्मा का भी है। तो आइए जानते हैं पहली सरकारी बस ड्राइवर प्रियंका शर्मा के बारे में।
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पति की मौत के बाद प्रियंका पर टूट पड़ा था गमों का पहाड़
जीवन में काफी मु्श्किलों और संघर्षों का सामने करने वाली प्रियंका शर्मा आज सरकारी नौकरी पाकर काफी खुश हैं। प्रियंका शर्मा मूल रुप से बिहार के बांका जिले के हरदौड़ी गांव की रहने वाली हैं। साल 2002 में प्रियंका शर्मा की शादी राजीव नाम के युवक से हुई थी। प्रियंका और राजीव के दो बेटे हैं। एएनआई से बात करते हुए प्रियंका शर्मा ने बताया कि उनके पति राजीव को शराब पीने की लत थी, जिसके कारण उनका निधन हो गया। राजीव के निधन के बाद उनके ऊपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन जैसे तैस प्रियंका ने खुद को संभाला।
फैक्ट्री में की नौकरी, बेची चाय
पति राजीव के निधन के बाद प्रियंका के ऊपर परिवार और अपने दोनों बच्चों को पालने और उनका भविष्य संवारना की जिम्मेदारी आ गई। परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने लगा तो ऐसे में प्रियंका बिहार से दिल्ली आ गईं। उस वक्त प्रियंका के पास जमा पूंजी के नाम पर कुछ न था। घर और गहन तो पति के इलाज में पहले ही बिक गए थे। दिल्ली में प्रियंका ने एक फैक्ट्री में काम करना शुरू किया। उन्हें 1500 रुपये सैलरी मिलती थी। बाद में एक चाय की दुकान खोली। लेकिन, उससे होने वाली आमदनी से परिवार का खर्च उठाना बहुत मुश्किल था।
ट्रक चलाने का लिया था प्रियंका ने फैसला
काफी परेशानी के दौर से गुजर रही प्रियंका ने ट्रक चलाने का फैसला लिया। शुरुआत में प्रियंका हेल्पर के तौर पर काम करने लगीं। बाद में ट्रक ड्राइवर बनकर परिवार के लिए कमाने लगीं। हालांकि, प्रियंका का ट्रक चलाना उनके माता पिता और भाइयों को पसंद नही था। उन्होंने प्रियंका से दूरी बना ली और बातचीत बंद कर दी। ट्रक चलाने के दौरान प्रियंका दूसरे राज्यों में जाने लगी, जिस वजह से वह अपने बच्चों को कम समय दे पाती थीं।
पीएम मोदी और सीएम योगी को प्रियंका ने दिया धन्यवाल
ऐसे में प्रियंका ने अपने बच्चों को हॉस्टर में डाल दिया, ताकि वो अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें। प्रियंका का जीवन तब बदला, जब उन्हें UPSRTC में सरकारी नौकरी मिली और वह बस चलाने वाली पहली महिला सरकारी बस ड्राइवर बन गईं। प्रियंका ने एएनआई से बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्याथ का धन्यवाद दिया। जिनकी वजह से आज वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकी है। तो वहीं, प्रियंका की संघर्ष की यह कहानी दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।