उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

जकार्ता में चमका 'बरेली का सितारा' मंजीत सिंह, अपना गोल्ड मेडल बरेली वासियों को किया समर्पित

Google Oneindia News

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की प्रतिभा ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय लेवल पर अपने देश और शहर का नाम ऊंचा किया है। मंजीत सिंह ने 800 मीटर की दौड़ (जकार्ता) में गोल्ड जीता है। यह गोल्ड इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि यह गोल्ड भारत को 38 साल बाद मिला है। मंजीत बरेली के इस सेंटर में चार सालों से ट्रेनिंग ले रहे हैं। बरेली में मंजीत को कोच कर रहे अमरीश कुमार ने बरेली वासियों के साथ बरेली के विख्यात स्पॉट इंजरी एक्सपर्ट डॉक्टर एस.ई. हुदा को यह गोल्ड समर्पित किया है।

मनजीत नहीं थें इस पदक के प्रबल दावेदार

मनजीत नहीं थें इस पदक के प्रबल दावेदार

मंजीत को इस पदक का दावेदार नहीं माना जा रहा था। उन्होंने जॉनसन को पीछे छोड़कर एक मिनट 46.15 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालते हुए अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। केरल के एशियाई चैंपियनशिप के पदक विजेता जॉनसन एक मिनट 46.35 सेकेंड का समय लेकर दूसरे स्थान पर रहे।

38 साल बाद भारत ने जीता यह खिताब

38 साल बाद भारत ने जीता यह खिताब

भारत ने 800 मीटर में आखिरी बार 1982 दिल्ली एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था, तब चार्ल्स बोरोमियो ने यह उपलब्धि हासिल की थी। यह एशियाई खेलों में केवल दूसरा अवसर है, जब भारतीय एथलीट 800 मीटर दौड़ में पहले दो स्थानों पर रहे। उनसे पहले नई दिल्ली में 1951 में पहले एशियाई खेलों में रंजीत सिंह और कुलवंत सिंह ने यह कारनामा किया था।

मेरी रणनीति ने दिलाई मुझे जीत

मेरी रणनीति ने दिलाई मुझे जीत

उन्होंने कहा, मैंने अच्छी तैयारी की थी। मेरी रणनीति शुरू में धावकों का को देखना तथा उसके हिसाब से काम करना था। अंत में मुझे 100-150 मीटर में तेजी दिखाना था। मैंने ऐसा किया और मैं अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा।

अपने डॉक्टर के लिए जारी किया ऑडियो संदेश

अपने डॉक्टर के लिए जारी किया ऑडियो संदेश

अमरीश ने जकार्ता से डॉक्टर हुदा के लिए एक ऑडियो संदेश भेजा है। अमरीश डॉक्टर हुदा की प्रशंसा करते हुए कहते हैं डॉक्टर हुदा सभी खिलाड़ियों का मुफ्त इलाज करते हैं। वहीं मंजीत नाम लिए बगैर यह भी कहते हैं कि जो खिलाड़ी हैमस्ट्रिंग से परेशान रहा हो और उभरकर देश के लिए गोल्ड जीते इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। डॉक्टर हुदा ने बताया कि मंजीत को हैमस्ट्रिंग था यानि कि पैरों में सूजन के साथ खिंचाव जिससे मंजीत बेहद परेशान थे। एक माह के ईलाज के बाद मंजीत फिट हो गए।

मंजीत ने गोल्ड लाने का किया था वादा

मंजीत ने गोल्ड लाने का किया था वादा

जकार्ता में प्रतियोगिता के दौरान मंजीत उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके सलाह लेते रहे। डॉक्टर हुदा ने यह भी बताया कि जब मंजीत उनके पास आया और कहा की डॉक्टर साहब आप इसे ठीक करने की क्या फीस लेंगे तब मैने मंजीत से कहा था कि मैं चाहता हूं कि मंजीत देश के लिए गोल्ड जीते वही उनकी फीस होगी। इसके बाद मंजीत ने उनसे गोल्ड लाने का वादा किया था। मंजीत पर उन्हें गर्व है। आपको बताते चलें कि डॉक्टर हुदा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फिजो अली ईरानी के शिष्य हैं। वह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, पूर्व कप्तान अजय जडेजा को भी अपनी सेवा दे चुके हैं।

Comments
English summary
manjit singh from bareilly win gold medal in asian games 2018 jakarta
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X