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Lucknow Building Collapse : अवैध बनी थी इमारत, प्रशासन के निशाने पर बिल्डर, जल्द हो सकती है कार्रवाई

Lucknow Building Collapse: उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

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योगी आदित्यनाथ

Lucknow building collapse : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वजीर हसन रोड पर मंगलवार की शाम एक रिहायशी अपार्टमेंट इमारत के ढहने को लेकर कई थ्योरी सामने आई हैं, हालांकि अभी तक सही कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इमारत के पार्किंग स्थल पर निर्माण कार्य चल रहा था और यह गिरने का कारण हो सकता है। हालांकि इस बिल्डिंग के गिरने के पीछे भूकंप को भी एक वजह बताई जा रही है। हालांकि अधिकारी इसकी जांच में जुटे हुए हैं लेकिन अधिकारियों का साफतौर पर कहना है कि बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अवैध बनी थी इमारत,निशाने पर बिल्डर

स्थानीय लोगों के मुताबिक, बिल्डर कथित तौर पर बिल्डिंग के कुछ कॉलम तोड़कर बेसमेंट बना रहा था जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है। हालांकि लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब ने कहा है कि इमारत अवैध थी और इसका "नक्शा पारित नहीं किया गया था"। "वर्तमान में हम बचाव और राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन कार्रवाई बिल्डर के खिलाफ की जाएगी।'

प्राकृतिक आपदा भी हो सकती है इमारत गिरने की वजह

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीएस चौहान ने हालांकि कहा,

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बिल्डिंग गिरने से दर्दनाक हादसा,अब तक 3 लोगों के शव बरामद, 30 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका

प्रथम दृष्टया यह प्राकृतिक आपदा का मामला प्रतीत होता है। शायद 5.8 तीव्रता का भूकंप भी एक कारण हो सकता है। बेशक, इमारत में कुछ निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन यह हल्का काम था। कोई निर्माण मशीनें नहीं थीं। इसलिए, निर्माण कार्य कारण नहीं हो सकता था। फिर भी सब कुछ जांच का विषय है। विशेषज्ञों की एक टीम को जांच के लिए आने को कहा था। ढहने के संभावित कारणों की जांच के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर जल्द ही साइट का दौरा करेंगे।

मंगलवार शाम को हुआ था हादसा

दरअसल, लखनऊ में मंगलवार की शाम चार मंजिला रिहायशी इमारत गिरने के बाद बुधवार तड़के दो महिलाओं को बचाया गया। दोनों महिलाओं को नजदीकी अस्पताल भेजा गया है और उनके रेस्क्यू के साथ अब तक कुल 14 लोगों को गिरी इमारत से बाहर निकाला जा चुका है।

यह घटना मंगलवार शाम करीब सात बजे हुई और शुरू में कम से कम 30 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका थी। बचाव अभियान शुरू होते ही नौ लोगों को बचा लिया गया, और वर्तमान में उनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हालांकि इस घटना के बाद कई कारण सामने आए हैं, हालांकि किसी का पता नहीं चला है। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि इमारत के पार्किंग स्थल पर कुछ निर्माण कार्य चल रहा था।

मंगलवार शाम आया था भूकंप

नेपाल में मंगलवार को आया 5.8 तीव्रता का भूकंप जिसके झटके लखनऊ और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में महसूस किए गए, वह भी ढहने के कारण के रूप में सामने आया है। झटके कई सेकंड तक रहे। निर्माण कार्य को पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है, हालांकि डीजीपी ने कहा कि संरचनात्मक विशेषज्ञों की एक टीम को जांच करने के लिए कहा गया है।

योगी ने दिए आवश्यक दिशा निर्देश

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को घायल व्यक्तियों को पर्याप्त उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के निर्देश भी जारी किए हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को घटना के तुरंत बाद हजरतगंज के सिविल अस्पताल (श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल) का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। उधर लखनऊ के सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को ट्विटर पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की निगरानी में जिला प्रशासन हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।

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English summary
Lucknow building collapse: Many theories are coming out regarding the building collapse
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