नाबालिग को 9 माह बाद भी नहीं मिला इंसाफ, दबंगों के डर से घर से बाहर निकलना भी हुआ मुश्किल
इटावा। उत्तर प्रदेश में इटावा के थाना सहसो क्षेत्र में दबंगों की धौंस के चलते नाबालिग रेप पीड़िता की जिंदगी कैद में कट रही है। रेप केस के 9 माह बाद भी उसे इंसाफ नहीं मिल सका है। पढ़ाई जारी रखना तो दूर, वह घर से बाहर भी नहीं निकल पाती है। जबकि, दबंग आरोपी खुले घूम रहे हैं और उल्टे पीड़िता के पिता को ही जेल कराने पर तुले हैं।
कैद
में
नाबालिग
रेप
विक्टिम!
दुष्कर्म
का
यह
मामला
फरवरी
का
है,
जब
पिपरौली
गढिया
में
रहने
वाली
12वी
की
नाबालिग
छात्रा
को
रात
घर
में
सोते
समय
गांव
के
ही
युवक
ने
हवश
का
शिकार
बनाया
था।
छात्रा
के
चिल्लाने
के
बाद
जागे
पिता
ने
पुलिस
को
शिकायत
की।
जिसके
बाद
सिपाही
आरोपी
को
पकड़
ले
गए।
लेकिन
अगले
ही
दिन
जब
रेप
पीड़िता
के
पिता
ने
आरोपी
के
खिलाफ
दुष्कर्म
का
केस
दर्ज
कर
एक्शन
लिए
जाने
की
गुहार
लगाई
तो
सिपाहियों
ने
पीड़िता
के
पिता
को
ही
धमकाया।
पुलिस
ने
थाने
में
आरोपी
पर
बलात्कार
की
धाराओं
में
मुकदमा
भी
दर्ज
नहीं
किया।
उधर,
पीड़िता
के
पिता
को
ही
अवैध
तमंचा
रखने
के
झूठे
आरोप
में
जेल
में
ठूंसने
की
धमकी
दे
डालीं।
उन
पर
रेप
के
आरोपी
से
समझौता
का
दबाब
बनाया।
इस
केस
में
अब
तक
पीड़ित
पक्ष
को
इंसाफ
नहीं
मिला
है।
दबंगों के आतंक से तंग आकर पीड़िता ने पढाई छोडकर अपने आपको कमरे में कैद कर लिया है। पीड़िता को घर के कमरे में कैद हुए 9 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। पीड़िता के साथ हुई बलात्कार की घटना के बाद से घबराकर पीड़िता समेत उसकी बहन ने भी पढ़ाई बंद कर दी है। पीड़िता के परिजन 9 महीने से पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा-लगाकर थक चुके हैं और अब मजबूरी में गाँव से पलायन करने का भी मन चुके हैं।
डीजीपी
से
शिकायत
की
तो
हुआ
केस
दर्ज
पुलिस
थाने
से
निराशा
हाथ
लगने
के
बाद
पीड़िता
के
पिता
ने
मामले
की
शिकायत
डीजीपी
से
की।
डीजीपी
के
दखल
से
दबाव
में
आई
स्थानीय
पुलिस
ने
बलात्कार
के
मामले
को
मामूली
मारपीट
की
धाराओं
में
दर्ज
कर
लिया।
वहीं
पुलिस
की
कार्यवाही
का
दबाव
बनता
देख
दबंग
आरोपित
बौखला
उठे।
दबंगों
ने
फिर
पीड़िता
की
बहन
पर
भी
फब्तियां
कसनी
शुरू
कर
दीं।
जिसके
चलते
रेप
पीड़िता
और
उसकी
बहन
ने
पढ़ाई-लिखाई
छोड़
दी।
अपने
आपको
घर
की
चार
दीवारी
के
अंदर
ही
कैद
कर
लिया।
पिछले
9
महीने
से
वे
घर
से
बाहर
निकलने
में
डरती
हैं।
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कैमरे
के
सामने
कुछ
नहीं
बोले
एसएसपी
वहीं,
जब
पत्रकारों
ने
एसएसपी
अशोक
कुमार
त्रिपाठी
से
इस
मामले
पर
सफाई
मांगी
तो
उन्होंने
कैमरे
पर
कुछ
भी
बोलने
से
साफ
इनकार
कर
दिया।
ऑफ
कैमरा
उन्होंने
कहा
कि
मामला
पुराना
है।
हमारे
समय
का
नही
हैं,
लेकिन
फिर
भी
पीड़ित
परिजन
से
मिलकर
उनकी
बात
सुनी
जाएगी।