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योगी-अखिलेश और केशव मैदान में उतरे तो दिलचस्प होगा चुनाव, जानिए किन सीटों से हो सकती है दावेदारी

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लखनऊ, 10 जनवरी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। सेनाएं तैयार हो रही हैं लेकिन सेनापतियों को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है कि वो चुनावी महाभारत में उतरेंगे या बाहर से ही हार जीत का तमाशा देखेंगे। बहरहाल अभी जो संकेत मिल रहे हैं उससे यही लग रहा है कि बीजेपी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा और समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो यदि ऐसा हुआ तो यह चुनाव काफी रोचक होगा और राजनीतिक दलों के बीच आर पार की लड़ाई होगी। आईए हम आपको बताते हैं कि इन दिग्गजों की दावेदारी किन सीटों से हो सकती है।

मथुरा और अयोध्या के बीच उलझे योगी

मथुरा और अयोध्या के बीच उलझे योगी

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 में योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यह निर्णय लिया गया है। खबर अब इससे परे है। क्या वह मथुरा से चुनाव लड़ेंगे? एक भाजपा सांसद ने यह सपना देखा है। राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा है कि भगवान कृष्ण ने उन्हें सपने में ऐसा कहा था। अब अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र भी लिखा है। यादव ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से योगी को मथुरा से चुनाव लड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यूपी की जनता भी यही चाहती है। हालांकि पार्टी के कुछ लोगों की इच्छा है कि योगी इस बार अयोध्या से अपनी किस्मत आजमाएं। वैसे भी उनका अयोध्या से पुराना नाता है। हर महीने कोई न कोई बहाना पर योगी रामलला के दर्शन करने पहुंचते हैं। इसका एक अलग संदेश है। योगी का गोरखपुर से सबसे पुराना नाता है। वे गोरखपुर पीठ के महंत भी हैं और लगातार 5 बार गोरखपुर से सांसद भी रह चुके हैं। गोरखपुर के पार्टी नेता, कार्यकर्ता और विधायक भी चाहते हैं कि योगी वहां से चुनाव लड़ें।

अखिलेश भी ठोकेंगे चुनावी ताल, सेफ सीट की तलाश

अखिलेश भी ठोकेंगे चुनावी ताल, सेफ सीट की तलाश

योगी आदित्यनाथ ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है तो अखिलेश यादव भी इशारों में यही कह रहे हैं। लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो मैं लड़ूंगा। मैं किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकता हूं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव कई जगहों से चुनाव लड़ चुके हैं। अखिलेश फिलहाल आजमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं। योगी आदित्यनाथ की तरह उन्होंने भी कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। समाजवादी पार्टी का पावर सेंटर होने के कारण मैनपुरी उत्तर प्रदेश की सबसे अहम विधानसभा सीटों में से एक है। इस इलाके में साल 2017 में बीजेपी की जोरदार लहर होने के बावजूद सपा ने यहां से जीत दर्ज की थी। योगी के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद अखिलेश ने भी कहा कि पार्टी तय करेगी तो वह भी चुनाव लड़ेंगे। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वह मैनपुरी सदर सीट से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं जो सपा की सबसे सेफ सीट मानी जाती है।

केशव ने पार्टी पर छोड़ा चुनाव लड़ाने का फैसला

केशव ने पार्टी पर छोड़ा चुनाव लड़ाने का फैसला

योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने भी चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। हालांकि केशव ने सीट का फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है। केशव प्रसाद मौर्य यूपी विधान परिषद के सदस्‍य हैं। उन पर राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान भीड़ में हिंसा फैलाने का आरोप भी है। वह एक बेहद गरीब घर में बड़े हुए। बचपन में चाय बेचते थे। 2012 में सिराथू विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फूलपुर सीट से जीत दर्ज की। 2017 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। यूपी के उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्र बता रहे हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में वह प्रयागराज की शहर उत्तरी सीट से ताल ठोंकते हुए नजर आ सकते हैं। इसी सीट के ज्वाला देवी इंटर कालेज पोलिंग सेंटर पर वह वोटर भी हैं।

दिनेश शर्मा की हो सकती है अग्निपरीक्षा

दिनेश शर्मा की हो सकती है अग्निपरीक्षा

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा 2006 में लखनऊ के मेयर के रूप में चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की सफलता में उनके योगदान के बाद, 16 अगस्त 2014 को वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 19 मार्च 2017 को, उन्हें यूपी के दो उप मुख्यमंत्रियों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया। वह उत्तर प्रदेश विधान सभा के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं। वह 9 सितंबर 2017 को विधान परिषद (उच्च सदन) के लिए चुने गए। उन्हें उच्च और माध्यमिक शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभागों के मंत्रालय आवंटित किए गए थे। लखनऊ की कैंट सीट पर उनका सियासी पकड़ मानी जाती है हालांकि इस सीट पर उलटफेर की संभावनाएं भी रहती हैं इस लिहाज से उनकी अग्निपरीक्षा भी होगी।

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English summary
Election will be interesting if Yogi-Akhilesh and Keshav enter the fray
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