'ससुर ने किया मेरे साथ रेप, पति को नामर्द बनाने की दवाई दी', बहू को चाहिए इंसाफ
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में रिश्तों को तार-तार कर देने वाली एक ऐसी कलंक कथा सामने आई है जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। मर्यादित रिश्तों में पनपी इस कलंक कथा में न केवल ससुर ने अपनी बहू के साथ तमंचे की नोक पर दुष्कर्म किया बल्कि बहू उसी के वश में रहे इसके लिए अपने बेटे को मर्दानगी घटाने की दवाइयां भी दीं। दरअसल, मामला मुस्लिम परिवार से जुड़ा है, जहां ससुर की नीयत ही बहू पर खराब हो गई। अब किसी तरह हिम्मत जुटाकर पीड़िता ने प्रतिकार किया है। वह हर हाल में कार्रवाई चाहती है।
बहू ने ससुर पर लगाए आरोप
बरेली के पुलिस परामर्श केंद्र में काउंसलर के पास बैठा ये परिवार बरेली के बहेड़ी कसबे का है। इनके परिवार की बहू इमराना (काल्पनिक नाम) ने अपने ससुर पर आरोप लगाया है कि उसने न केवल उसके साथ दुष्कर्म किया बल्कि उसके पति को भी नामर्द बनाने का प्रयास किया। अब इमराना कानूनी कार्रवाई चाहती है। वहीं इमराना के ससुर और पति का कहना है कि वो झूठ बोल रही है। मामला जेवर का है जहां इमराना अपने निकाह में ससुराल वालों के चढ़ाए गए जेवर अपने मायके में रख आई है और अब कहने पर भी लेकर नहीं आ रही है। विवाद होने पर झूठी कहानी सुनकर फंसा रही है।
परिवार परामर्श केंद्र में मामला
परिवार परामर्श केंद्र में सुनवाई शुरू हो गई है, लेकिन मामला शरई एतबार पर अटक गया है क्योंकि ससुर के दुष्कर्म का शिकार बनी महिला निकाह में नहीं रही। वह खारिज हो गया है। इस सूरत में वह दूसरी शादी तो कर सकती है लेकिन पहले शौहर के पास किसी हाल में नहीं लौट सकती। शरई मामलों के जानकार मौलाना सहाबुद्दीन के अनुसार इस्लाम में अपनी बहू के साथ दुष्कर्म के आरोपी को संगसार यानी पत्थरों से मार डालने की सजा है मगर चूंकि हिंदुस्तान में प्रजातंत्र है इसलिए अब कानून ही उसको उसको किये की सजा देगा।
बहू ने की ससुर को सजा दिलाने की मांग
28 वर्षीय पीडि़ता ने एसएसपी को दी शिकायत में ससुर के गुनाह बयां किए। उसे सजा दिलाने की मांग की है। खुद अपने शौहर-बच्चे के साथ रहना चाहती है। पुलिस परामर्श केंद्र में पहुंचे इस केस पर काउंसलर एडवोकेट खलील कादरी भी असमंजस में हैं। उन्होंने ससुर, पति और बहू तीनों को सामने बैठाकर बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला। सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है। मगर इस सारे मामले में इमराना का भविष्य अब अधर में है। वो भले ही अपने घर वापस जाना चाहे मगर इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। वहीं काउंसलर एडवोकेट खलील कादरी भी महिला को शरीयत का हवाला दे रहे हैं।
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