3 दिन पहले ही होली की छुट्टी मना कर गया था जवान, ताबूत में कैद वापस आया शव
हापुड़। छत्तीसगढ़ के सुकमा में बम ब्लास्ट में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान शोभित शर्मा का पार्थिव शरीर बुधवार को पहले हापुड़ और इसके बाद उनके पैतृक गांव मुदाफरा पहुंचा। शहीद जवान के शव को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री व आला अधिकारी भी यहां मौजूद रहे। इस दौरान परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। हर कोई शहीद की एक झलक पाने को बेताब दिखा।
हापुड़ नगर के मेरठ रोड स्थित राजीव एंक्लेव निवासी शोभित शर्मा छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा इलाके में सीआरपीएफ की २१२वीं बटालियन में तैनात थे। मंगलवार की दोपहर को गश्त के दौरान बारुदी सुरंग की चपेट में आने से वह शहीद हो गए थे। तीन दिन पहले ही होली की छुट्टी मनाने के बाद लौटे पुत्र को ताबूत के साथ लौटता देख पर मां बेसुध थी। पत्नी ज्योति का रो रोकर बेहाल थी तो सात साल का बेटा गुमसुम पिता के शव को निहार रहा था। करीब तीन बजे शहीद की बटालियन के दो सौ जवान पार्थिव शव लेकर घर पहुंचे। सीआरपीएफ के आईजी देवेंद्र सिंह चौहान, डीआईजी थोमस जॉब, कमांडेट सतीश कुमार सहित १६ जवानों ने पारंपरिक रूप से शहीद को सलामी दी।
इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री सत्यदेव पचौरी, विधायक विजयपाल आढ़ती, चेयरमैन प्रफुल्ल सारस्वत, डीएम कृष्णा करुनेश, एसपी हेमंत कुटियाल सहित सैंकड़ों लोगों ने पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को शहीद के पैतृक गांव मुदाफरा ले जाया गया। जहां नम आंखों के बीच शहीद के आठ वर्षीय पुत्र कृष्णा ने मुखाग्रि दी। यहां जवानों ने फायरिंग कर शहीद को सलामी दी।
जब तक सूरज चांद रहेगा, शोभित तेरा नाम रहेगा। इन नारों से मुदाफरा गांव की हर गली गूंज उठी। श्मशान घाट में मौजूद हर किसी की आंखों में शोभित पर गर्व दिखाई दे रहा था। हर आंख नम थी और किसी न किसी रूप में शोभित को श्रद्धांजलि दे रही थी। शोभित का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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