इस शर्त पर विपक्ष के गठबंधन में शामिल हो सकती हैं मायावती, BSP प्रवक्ता ने दिया बड़ा बयान
इस शर्त पर विपक्ष के गठबंधन में शामिल हो सकती हैं मायावती, BSP प्रवक्ता ने दिया बड़ा बयान
लखनऊ, 28 सितंबर: 2024 में देश के अंदर लोकसभा चुनाव होने है। लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी समेत विपक्षी पार्टियां भी अभी से तैयारियों में जुट गई है। इस बीच सवाल खड़ा होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दल किस नेता को पीएम पद के रूप में मैदान में उतारने के लिए तैयार हैं? क्योंकि, कुछ विपक्षी दल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पीएम उम्मीदवार के रूप में देख रहे हैं तो कुछ नतीश कुमार को।
गठबंधन में शामिल होने के लिए रखी शर्त
इस बीच बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने कहा, बहुजन समाज पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकते है। लेकिन शर्त यह है कि मायावती को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाए। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल होने या पीएम उम्मीदवार के रूप में पेश होने का अंतिम निर्णय बहनजी (मायावती) द्वारा ही लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास मायावती के कद का कोई बड़ा नेता नहीं है।
मायावती के कद का कोई बड़ा नेता नहीं: धर्मवीर चौधरी
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए धर्मवीर चौधरी ने कहा, अगर विपक्षी दल बसपा के पास सम्मानजनक तरीके से आते हैं और पार्टी प्रमुख को अपने एजेंडे से अवगत कराते हैं, तो पार्टी को उनके साथ गठबंधन करने में कोई नुकसान नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों के पास मायावती के कद का कोई नेता नहीं है। वो एक बड़ी नेता हैं।
अखिलेश से गठबंधन पर कही ये बात
वहीं, अखिलेश यादव के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, 'मायावती, अखिलेश यादव से कहीं बड़ी नेता हैं। वे चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, जबकि अखिलेश सिर्फ एक बार इस पद पर आसीन हुए हैं। मायावती बड़े दिल वाली है और दूसरों की गलतियों को माफ कर देती हैं। अगर अखिलेश उन्हें नेता के रूप में स्वीकार करते हैं, तो हम उनका फूलों से स्वागत करेंगे।'
नहीं बुलाया गया था टीएमसी और एनसीपी की बैठक में
बता दें की टीएमसी और एनसीपी द्वार बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में बीएसपी को बाहर रखा गया था। जिसमें पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर फैसला होना था। बैठक में ना बुलाये जाने पर मायावती ने विपक्ष के व्यवहार पर एक ट्वीट कर सार्वजनिक रूप से अपना गुस्सा भी जाहिर किया था।