VIDEO: अंधविश्वास का है ये हाई प्रोफाइल अड्डा, पूर्व पीएम और सीएम भी आ चुके हैं यहां
स्थानीय लोगों के मुताबिक जैसे ही लोग धाम में इंट्री करते हैं, तो वहां अपनी अंधविश्वास की दुकान लगाकर लोगों का भूत उतारने बैठे लोग उन्हें घेर लेते हैं। पूर्व पीएम राजीव गांधी से लेकर कई सीएम यहां माथा टेक चुके हैं।
अमेठी। यहां 21वीं सदी में देश को डिजिटल इंडिया का प्रारूप देने के लिए सरकार लगी हुई है, वहीं आज भी देश में लोग अंधविश्वास की जंजीरों में जकड़े हुए हैं। वीवीआईपी जिले अमेठी के नंद महर में कार्तिक महीने के लगने वाले मेले में सामने एक वीडियो सामने आया है जिससे ये प्रमाण मिल रहे हैं। बताया जाता है कि यहां की मान्यता है की दर्शन मात्र से प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसलिए देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं।
नंद महर धाम पर ढोंगी खोल बैठे हैं अंध विश्वास की दुकान
ये तस्वीरें हैं गांधी-नेहरु परिवार से जुड़े अमेठी जिले के मुसाफिरखाना-गौरीगंज रोड पर स्थित नंदमहर धाम की, जहां पर भक्तों में अंधविश्वास आज भी हावी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक जैसे ही लोग धाम में इंट्री करते हैं, तो वहां अपनी अंधविश्वास की दुकान लगाकर लोगों का भूत उतारने बैठे लोग उन्हें घेर लेते हैं।
पूर्व पीएम राजीव गांधी से लेकर कई सीएम टेक चुके हैं यहां माथा
नंद महर धाम पर कार्तिक माह में पूर्णमासी को बड़ा मेला लगता है, दो दिन तक चलने वाले इस मेले में रात और दिन लोगों का जन सैलाब उमड़ता है। लेकिन ये कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि आमतौर से दुनिया जिस भी ढंग से निवास कर रही हो लेकिन नंद महर धाम के कैंपस में एक अलग ही दुनिया निवास करती है, वो दुनिया है अंधविश्वास की। भूत-प्रेतों के आतंक से दो-चार लोग अंधविश्वास की चपेट में आकर यहां दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वैसे आपको बता दें कि ये धाम मान्यताओं का धाम है, यही कारण है की यहां अब तक पूर्व पीएम स्व. राजीव गांधी और यूपी के कई पूर्व मुख्यमंत्री भी बाबा नंदमहर धाम मंदिर में मत्था टेक चुके हैं।
बहरूपिए फेरते हैं हाथ तो शुरू हो जाती है भूतों की सवारी
तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि यहां लोगों की भीड़ में कुछ लोग उछल-कूद करते नजर आ रहे हैं, ये वही लोग हैं जिनके लिए कहा जाता है कि इन पर भूतों की सवारी है। जब ये यहां धाम में पहुंचते हैं, तो यहां पर गांव के अलग-अलग लोग, जिन्होंने अपना भूत उतारने की दुकान खोल रखी है, ये फौरन उनके पास पहुंच जाते हैं। फिर ये बहरूपिए इन प्रेत पीडितों पर जैसे ही हाथ फेरते हैं तो उनके ऊपर भूतों की सवारी शुरू हो जाती है।
हर मर्ज का है यहां इलाज
वैसे लोग ये कहते हैं कि ये इस धाम की महानता है, लेकिन सवाल ये है कि अगर धाम की महानता है तो लोग यहां पर अपनी दुकान क्यों खोल कर बैठे हैं? यहां उनका क्या काम है? दरअस्ल ये बातें धर्म, जाति और मजहब पर चोट करने के लिए नहीं है बल्कि जागरुकता की दृष्टि से लोगों को सच बताने के लिए है। इस धाम के लिए सच भी यही है की अगर अंधविश्वास से हटकर यहां इलाज के लिए आ जाए तो कोई ऐसा मर्ज नहीं जिसका इलाज यहां ना हो।
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