BHU का बवाल बने 13 छात्र और 7 सुरक्षा कर्मियों को थमाया गया नोटिस
अब वाराणसी क्राइम ब्रांच ने भी पूरे मामले में अपनी जांच तेज करते हुए यूनिवर्सिटी के 13 स्टूडेंटों और 7 सुरक्षाकर्मियो को नोटिस थमा दिया। जिसका जबाब सभी को तीन दिनों के अंदर देना हैं।
वाराणसी। बीते दिनों छेड़खानी से शुरू हुए विवाद के बाद जल उठे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में कई उतार चढ़ाव हुए वीसी को दिल्ली तलब किया गया तो मानव अधिकार ने यूपी के डीजीपी और प्रदेश सरकार को नोटिस दिया। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने वाराणसी के कमिश्नर से पूरे मामले में जांच करने के बाद 48 घंटों के अंदर रिपोर्ट भी समिट करने का आदेश दिया। डीएम वाराणसी में भी पूरे मामले के न्यायिक जांच के आदेश दिए, उसकी भी रिपोर्ट से हो चुकी है। अब वाराणसी क्राइम ब्रांच ने भी पूरे मामले में अपनी जांच तेज करते हुए यूनिवर्सिटी के 13 स्टूडेंटों और 7 सुरक्षाकर्मियो को नोटिस थमा दिया। जिसका जबाब सभी को तीन दिनों के अंदर देना हैं। क्राइम ब्रांच ने सुरक्षा कर्मियों से जबाब मांगा है की जब ये घटना हुई, उस वक्त वो कहां थे और यदी वहीं मौजद थे तो पीड़ित छात्रा की चीख सुनने के बाद तुरंत करवाई क्यों नहीं की।
क्या कहते हैं एसपी क्राइम?
वहीं छात्रों से ये जानने की कोशिश की जा रही है की इस बवाल के पीछे कौन लोग शामिल थे? साथ ही ये जानने की कोशिश कर रही हैं की यूनिवर्सिटी का फेसबुक पेज किसने बनाया कौन इसे संचालित कर रहा था और तमाम गतिविधियों को आपलोड कर अफवाह किसने फैलाई।
वाराणसी यूनिट के एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ने बताया है की बवाल के मामले में अपनी जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ते हुए कुल 13 स्टूडेंटों और 7 सुरक्षा कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है। सभी से तीन दिनों के अंदर जबाब भी मांगा गया है। साथ ही सभी लोगों को ये बताया गया है की वो क्राइम ब्रांच आकर अपना बयान लिखित और मौखिक रूप से दर्ज कराएं। इनसे हम पूछताछ भी कर रहे हैं, जो ऑफिस नहीं आ सकते हों फोन पर भी अपना बयान दर्ज करा सकते हैं।
एसपी क्राइम के मुताबिक जिन लोगों को नोटिस दी गई है वो बवाल के पीछे रहे उपद्रवियों के बारे में जानकारी दे सकते हैं और जो लोग फोन पर अपना बयान दर्ज कराएंगे उन्हें बयान की जांच भी कराई जाएगी। यदि बयान और हकीकत में कोई अंतर हुआ तो गलत सूचना देने वालों के खिलाफ कर्रवाई की जाएगी।
मनोज तिवारी ने पूरी घटना को बताया साजिश
वाराणसी पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने भी BHU की घटना को राजनीतिक रंग देना साजिशन और खतरनाक बताया, साथ ही माना कि इसमें त्रुटि भी हुई है। मनोज तिवारी ने कहा कि जब से इस घटना के बारे में सुना है तब से यहां आने के लिए छटपटा रहा हूं। क्योंकि मैं सिर्फ यहां पढ़ा नहीं हूं बल्कि यहां के क्रिकेट टीम का कैप्टन भी रहा हूं। चूंकी पीएम का दौरा था, फिर राष्ट्रीय कार्यकारीणी की बैठक की व्यवस्था में था। लेकिन बीएचयू की घटना पर मेरी नजर थी और मैं इससे बहुत चिंतित हूं।
'BHU बवाल एक साजिश'
मनोज तिवारी ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि न्यायिक जांच के बाद आई रिपोर्ट पर भविष्य में घटना ना हो इसके लिए जागरुक रहना चाहिए। न्यायिक जांच जब तक नहीं हो जाए तब तक पर्टिकुलर किसी के बारे में नहीं कहूंगा। चाहूंगा निष्पक्ष जांच हो और सच्चाई सामने आए। राजनीतिक रंग देना खतरनाक और साजिशन है। कहीं इससे एक छात्रा का दर्द दबकर ना रह जाए। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। साजिश की जा रही है, BHU की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है और मैं दिल्ली जाकर पीड़ित छात्र से मिलने की कोशिश भी करूंगा।
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