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भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर की मां और भाई हुए भूमिगत

भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी संगठन की कमान संभाले मां और भाई पुलिस की नजर में चढ़ते ही भूमिगत हो गए है।

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सहारनपुर। भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी संगठन की कमान संभाले मां और भाई पुलिस की नजर में चढ़ते ही भूमिगत हो गए है। इनका उद्देश्य 18 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महासभा के आयोजन को सफल बनाना है, जिसके चलते वह गुप्त रूप से बैठकें कर रहे है और मोबाइल तक बंद कर दिये है। वहीं पुलिस इस आयोजन को न होने देने और दिल्ली कूच करने को कमर कसे हुए है।

18 जून को जंतर-मंतर पर है सभा

18 जून को जंतर-मंतर पर है सभा

चन्द्रशेखर को रिहा किए जाने के साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर भीम आर्मी ने 18 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महासभा किए जाने का ऐलान कर रखा है। इसमें चन्द्रशेखर की मां कमलेश व भाई भगत, कमल किशोर के अलावा भीम आर्मी से जुड़े और सहारनपुर पुलिस के भगौड़े व 12 हजारी विनय रतन व मंजीत नोटियाल ने भी पुलिस को खुली चुनौती देते हुए महासभा के दौरान मंचासीन रहने की घोषणा कर रखी है। इसे सफल न होने देने को पुलिस भी कई दिन से अपना जाल बिछा रही है। मगर अभी तक ऐसा कुछ नही हो सका। जिसे पुलिस की सफलता कहा जा सकें।

दिल्ली पुलिस ने दी इजाजत

दिल्ली पुलिस ने दी इजाजत

सूत्रों की मानें, तो भीम आर्मी संगठन ने इस महापंचायत के आयोजन को दिल्ली पुलिस से अनुमति भी हासिल कर ली है, जबकि सहारनपुर पुलिस 12 हजारियों की गिरफ्तारी को दिल्ली पुलिस को उनके फोटो व जरूरी कागजात भी उपलब्ध करा चुकी है। पहले इस संगठन को निगाहे संगठन के अध्यक्ष सतपाल तंवर का भी समर्थन हासिल था। मगर 18 जून की जगह महापंचायत 17 जून को ही करने के निगाहे संगठन के ऐलान और चंदे पर हुए विवाद को लेकर भीम आर्मी से ठन जाने पर दोनों की राहे अलग हो गई है। सतपाल का समर्थन अब 18 जून को भीम आर्मी को नहीं मिल रहा है, जबकि सूत्रों की मानें, तो पंजाब के कुछ संगठनों की योजना 2 जून को जंतर-मंतर पर बैठक की थी, जो आपसी बातचीत से टल गई है और अब इनका 18 जून को भीम आर्मी को समर्थन तय है।

बौद्ध धर्म अपना रहे दलित

बौद्ध धर्म अपना रहे दलित

वहीं शुक्रवार को रावण की गिरफ्तारी के विरोध में रामपुर तहसील में धरना प्रदर्शन के बाद दलित बिरादरी की 15 महिलाओं ने बौद्ध धर्म अपना लिया। इधर, पुलिस की नजर में चढ़ते ही चन्द्रशेखर की मां व दोनों भाई भूमिगत हो गए है। जिन्होंने अपने मोबाइल भी बंद कर लिये है, केवल गुप्त बैठकें चल रही है। इनका उद्देश्य 18 जून को हरहाल में महापंचायत पर जंतर-मंतर पहुंचने का है, वहीं पुलिस इनका चक्रव्यूह तोड़ने की जुगत में दिन रात लगी है। इसके लिए जनपद में प्रभावित गावों बस अड्डो व रेलवे स्टेशन पर रात से ही पुलिस ने पहरा बिठा दिया है। ताकि दिल्ली कूच को रोका जा सकें। देखना यह है कि अब ऊंट किस करवट बैठेगा, पुलिस इस चक्रव्यूह को तोड़ने में सफल होगी या भीम आर्मी की 18 जून को जंतर-मंतर पर महापंचायत होकर रहेगी, यह समय के गर्भ में छुपा है।

ये है मांगें

ये है मांगें

शब्बीरपुर के पीडितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाये, शब्बीरपुर कांड की सीबीआई से जांच कराने, दोषी अधिकारियों पर एससीएसटी का मुकदमा दर्ज करने, मृतकों को 25-25 लाख व आगजनी और हमले के शिकार पीड़ितों को 1-1 लाख का मुआवजा, दलित हिंसा के मुख्य आरोपी शेर सिंह राणा की गिरफ्तारी करने, भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर और उसके साथियों की रिहाई आदि को लेकर महापंचायत में चर्चा होनी है और इन सब मांगों को लेकर एक दिन पूर्व रामपुर में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसडीएम और सीओ को भी सौंपा जा चुका है।

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English summary
Bhim Army founder Chandrashekhar's mother and brother underground
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