साधु-संतों ने खारिज किया इकबाल का बयान, बोले- कायम है गंगा-जमुनी तहजीब, मुस्लिमों को भयभीत होने की जरूरत नहीं
अयोध्या। हिंदू-मुस्लिमों के बीच गंगा-जमुनी तहजीब को बरकरार रखने के लिए अयोध्या के साधु-संत एक बार फिर आगे आए हैं। साधु-संतों ने यहां 25 नवंबर को होने वाली सभा को लेकर कहा है कि मुस्लिम भयभीत न हों। बता दें कि, इस महासभा में विहिप, बजरंग दल समेत कई हिंदूवादी संगठन भगवान श्रीराम के नाम पर एकजुट हो रहे हैं। इसे अयोध्या में तनाव पैदा करने की स्थिति माना जा रहा है।
'असुरक्षित
नहीं
हैं
अयोध्या
में
मुस्लिम'
अयोध्या
में
संत-सभा
के
आयोजन
पर
बोलते
हुए
अयोध्या
नगर
निगम
महापौर
ऋषिकेश
उपाध्याय
एवं
राम
वल्लभा
कुंज
के
अधिकारी
महंत
राजकुमार
दास
ने
कहा
कि
अयोध्या
बहुत
सुरक्षित
है।
यहां
मुस्लिम
भी
किसी
तरह
की
असुरक्षा
की
भावना
न
रखें।
उन्होंने
मुस्लिम
पक्षकार
इकबाल
अंसारी
द्वारा
दिए
अयोध्या
पलायन
के
बयान
को
भी
खारिज
किया।
महापौर
ने
कहा
कि
इकबाल
अंसारी
हों
या
फिर
अयोध्या
के
अन्य
मुस्लिम
किसी
को
भी
भयभीत
होने
की
जरूरत
नहीं
है।
साधु-संतों
ने
अयोध्या
के
मुस्लिमों
के
लिए
अपने
आश्रम
का
दरवाजा
खोल
दिया
है।
मुस्लिम
जब
चाहें
हमारे
साथ
आ
सकते
हैं।''
'उद्धव
ठाकरे
भी
आ
रहे
हैं
अयोध्या'
अयोध्या
नगर
निगम
के
महापौर
ने
यह
भी
कहा
है
कि
25
नवंबर
को
अयोध्या
के
बड़ा
भक्तमाल
मंदिर
में
संत
सम्मेलन
होगा।
संत
सम्मेलन
शिव
सेना
प्रमुख
उद्धव
ठाकरे
भी
आ
सकते
हैं।
उद्धव
के
आगमन
की
खबर
सुन
मुस्लिम
पक्षकार
इकबाल
अंसारी
अपनी
सुरक्षा
बढ़ाने
की
बात
कह
रहे
हैं।
अंसारी
का
कहना
है
कि
उनकी
सुरक्षा
नहीं
बढ़ाई
गई
तो
वे
25
नवंबर
के
पहले
अयोध्या
छोड़
देंगे।
जिसके
बाद
अयोध्या
के
साधु
संतों
की
प्रतिक्रिया
आई
है
कि
किसी
को
भी
अयोध्या
छोड़ने
की
जरूरत
नहीं
है।
जमीं पर ही नहीं हवा और पानी में दिखेंगे प्रयाग-कुंभ के रंग, तैयार हुईं ऐसी लाजवाब पेंटिंग्स
'फैज़ाबाद
गंगा
जमुनी
तहजीब
का
शहर
है'
संतों
ने
फिर
दोहराया
कि
फैज़ाबाद
गंगा
जमुनी-तहजीब
का
शहर
है।
अयोध्या
भगवान
राम
की
नगरी
है,
यहां
सब
शांत
हैं।
यह भी पढ़ें: मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद जुटाएगी 1 लाख भक्त, सरकार पर दवाब बनाने 9 दिसंबर को दिल्ली कूच करेगा RSS