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इलाहाबाद: तीन सीटों पर संकट में सपा-कांग्रेस गठबंधन, दोनों दलों से हुआ नामांकन

नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होते ही असली फजीहत शुरू हो गई है। भाजपा-अद गठबंधन की रार जगजाहिर होने के बाद अब सपा-कांग्रेस गठबंधन परेशानी में है।

By Arvind Kumar
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इलाहाबाद। नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होते ही असली फजीहत शुरू हो गई है। भाजपा-अद गठबंधन की रार जगजाहिर होने के बाद अब सपा-कांग्रेस गठबंधन परेशानी में है। इलाहाबाद की 12 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें कांग्रेस को मिली हुई हैं। लेकिन शहर उत्तरी विधानसभा सीट छोड़कर अन्य दो सीटों पर सपा के प्रत्याशी भी नामांकन कर मैदान में आ गये हैं। शहर उत्तरी, कोरांव व सोरांव सीट पर कांग्रेस ने गठबंधन के तहत अपने प्रत्याशी उतारे हैं और सभी सीटों से घोषित प्रत्याशियों ने नामांकन भी कर दिया है। लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से शहर पश्चिमी, कोरांव व सोरांव सीट पर समाजवादी पार्टी से भी प्रत्याशी नामांकन कर चुके हैं। ये भी पढ़ें: सुल्तानपुर: कैंडिडेट के खिलाफ आक्रोश को दबाने के लिए सपा ने दिए लॉलीपॉप

इलाहाबाद: तीन सीटों पर संकट में सपा-कांग्रेस गठबंधन, दोनों दलों से हुआ नामांकन

शहर पश्चिमी में ये हैं आमने-सामने
इलाहाबाद की शहर पश्चिमी विधानसभा सीट गठबंधन में सपा के हिस्से में आयी। शहर पश्चिमी की सीट पर सपा ने पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह को टिकट दिया है। ऋचा ने नामांकन भी कर दिया, लेकिन बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तस्लीमुद्दीन ने भी नामांकन कर गठबंधन में दरार डाल दी। तस्लीमुद्दीन का कहना है कि पार्टी के कहने पर चुनाव लड़ने आया हूं।

कोरांव विधान सभा
इलाहाबाद के यमुनापार कोरांव की सीट गठबंधन में कांग्रेस को मिली इस सीट पर कांग्रेस ने राम कृपाल कोल को प्रत्याशी बनाया और कोल ने इस सीट पर नामंकन भी पार्टी सिम्बल से कर दिया है। लेकिन गठबंधन में दरार बने रामदेव निडर जिन्होंने सपा की ओर से नामांकन कर दिया है। यहां भी इसे सपा आलाकमान आदेश माना जा रहा है।

सोरांव में विधायक का मसला
सपा-कांग्रेस गठबंधन में सोरांव सीट कांग्रेस को मिली है। यहां से वर्तमान विधायक सत्यवीर मुन्ना का टिकट कट गया था। कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक जवाहर लाल दिवाकर ने नामांकन कर दिया है। वहीं, सपा ने फिर से विधायक सत्यवीर मुन्ना को टिकट दे दिया। दिवाकर और मुन्ना दोनों का कहना है कि पार्टी ने जो कहा वे वही कर रहे हैं।

कार्यकर्ताओं का हाल बेहाल
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर सबसे ज्यादा परेशानी है तो वे कार्यकर्ताओं को है। पहले पारिवारिक कलह में पिसे कार्यकर्ता सपा की लिस्ट में उलझे रहे। फिर अब गठबंधन के बाद भी दो-दो प्रत्याशी आने से झुंझलाहट छलकने लगी है। दोनों पार्टी के समर्थकों के लिये इन हालात में प्रचार करना भी मुश्किल है। ये भी पढ़ें: वाराणसी: कांग्रेस प्रत्याशी सपा नेता के खिलाफ भड़कीं दावेदार राबिया, गठबंधन में रार

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English summary
allahabad sp congress tie up in trouble on candidate nomination in uttar pradesh.
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