गोरखपुर मामले में HC ने योगी-मोदी सरकार से मांगी इंसेफेलाइटिस से निपटने की कार्य योजना
इलाहाबाद।
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
आज
फिर
से
गोरखपुर
बीआरडी
मेडिकल
कॉलेज
में
हुई
बच्चों
की
मौत
का
मामला
गूंजा।
अदालत
ने
आज
गंभीरता
से
इंसेफेलाइटिस
बीमारी
पर
चिंता
व्यक्त
की।
हाईकोर्ट
ने
केंद्र
की
मोदी
सरकार
व
राज्य
की
योगी
सरकार
से
पूछा
कि
वह
इंसेफेलाइटिस
से
कैसे
निपट
रहे
हैं।
कोर्ट
ने
सरकार
को
इंसेफेलाइटिस
बीमारी
से
निपटने
की
कार्य
योजना
6
अक्टूबर
तक
पेश
करने
को
कहा
है।
इस
मामले
की
अगली
सुनवाई
6
अक्टूबर
को
होगी।
गौरतलब
है
कि
पिछली
सुनवाई
में
विधिक
सेवा
अधिकरण
ने
अपनी
रिपोर्ट
अदालत
को
दी
थी।
जिसके
बाद
उम्मीद
थी
कि
अगर
कोर्ट
इस
मामले
में
कोई
खामी
पाती
है,
तो
वह
ठोस
रवैया
अपना
सकती
है।
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मुख्य न्यायाधीश की खण्डपीठ कर रही सुनवाई
गोरखपुर
के
बाबा
राघवदास
मेडिकल
कॉलेज
में
बच्चों
की
मौत
मामले
को
लेकर
जनहित
याचिका
दाखिल
हुई
है।
जिस
पर
मुख्य
न्यायाधीश
न्यायमूर्ति
डीबी
भोसले
तथा
न्यायमूर्ति
मनोज
गुप्ता
की
खण्डपीठ
सुनवाई
कर
रही
है
।
इस
मामले
में
12
सितंबर
को
विधिक
सेवा
अधिकरण
ने
अपनी
रिपोर्ट
पेश
कर
दी
है।
जिसके
बाद
कोर्ट
ने
आज
सुनवाई
की
डेट
मुकर्रर
की
थी।
अब
इस
मामले
में
अगली
सुनवाई
6
अक्टूबर
को
होगी।
फिलहाल
अदालत
ने
रुख
साफ
कर
दिया
है
कि
अब
इस
मामले
में
ठोस
रणनीति
सुनिश्चित
की
जायेगी।
ताकि
ऐसी
घटनाओं
में
कमी
और
रोक
लगाई
जा
सके।
मामले
पर
नजर
यूपी
के
गोरखपुर
स्थित
बाबा
राघवदास
मेडिकल
कॉलेज
में
ऑक्सीजन
की
कमी
से
बड़ी
संख्या
में
बच्चों
की
मौत
का
मामला
सामने
आया।
मीडिया
में
खबरें
आईं
तो
हड़कंप
मच
गया।
सरकार
ने
इसे
इंसेफेलाइटिस
बीमारी
से
जोड़कर
बयान
दिया।
मेडिकल
कालेज
के
प्राचार्य
डॉ.राजीव
मिश्र
पर
लापरवाही
की
गाज
गिरती
उससे
पहले
उन्होंने
इस्तीफा
दे
दिया।
मामले
में
जांच
हुई
तो
डॉ.राजीव
मिश्रव
उनकी
पत्नी
समेत
नौ
जिम्मेदार
आरोपी
बने।
इसी
बीच
हाईकोर्ट
में
याचिका
पड़ी
और
सुनवाई
शुरू
हुई।
आरोपियों
के
विरूद्ध
हजरतगंज
थाने
में
मुकदमा
दर्ज
हुआ।
जो
बाद
में
गोरखपुर
के
गुलरिहा
थाने
में
स्थानांतरित
हुआ
जिसके
बाद
गिरफ्तारी
का
दौर
चला।
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