अखिलेश ने पूछा शहीद जवानों में गुजरात के सैनिक क्यों नहीं?
अखिलेश यादव ने शहीदों पर खड़ा किया सवाल, पूछा शहीद होने वाले जवानों में गुजरात के जवान क्यों नहीं होते
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए शहीद हो रहे जवानों की शहादत पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने शहीदों की शहादत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सीमा पर यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के ही जवान क्यों शहीद होते हैं। उन्होंने पूछा कि सीमा पर शहीद होने वाले जवानों में गुजरात के जवान क्यों नहीं हैं।
भाजपा शहीदों पर राजनीति करती है
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में सदस्यता अभियान के दौरान कहा कि भाजपा शहीदों और देशभक्ति पर भी राजनीति करती है, भाजपा इन्ही मुद्दों पर राजनीति करके लोगों के बीच टकराव बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि शहीदों के सिर काटे जा रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार क्या कर रही है। अखिलेश यादव यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि मीडिया सिर्फ यही क्यों दिखा रहा है कि जवान के सिर काटे गए वह यह क्यों नहीं बताता कि शहीदों के और कौन से अंग काटे गए।
भाजपा वाले मुझे हिंदू नहीं मानते
प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल खड़़ा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार की अभी परीक्षा चल रही है और मुझे नहीं लगता है कि वह पास हो पाएं हैं। जिस तरह से सहारनपुर में हिंसक घटनाएं हुई, जालौन और बुलंदशहर में घटनाएं हुई हैं उसपर सवाल खड़ा करते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा राज में प्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया। अखिलेश ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा वाले मुझे हिंदू नहीं मानते हैं, लेकिन मैं खुद खाना खाने से पहले गाय को एक रोटी खिलाता हूं।
मैं पीएम की रेस में नहीं हूं
अखिलेश यादव ने कहा कि वह यूपी की हार से निराश नहीं हैं, अब वह परिवार के साध घूम शादी समारोह में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नहीं है तो अब यात्रा पर निकला हूं और यह जानने की कोशिश कर रहा हूं कि लोगों ने मुझे क्यों हराया। 2019 के लोकसभा चुनाव के बारे में बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मैं पीएम की रेस में नहीं हूं, उन्होंने कहा कि अगर हमारा नाम इस रेस में आया तो हमारे दुश्मन बढ़ेंगे।
बैलेट पेपर से होना चाहिए चुनाव
ईवीएम विवाद पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अमेरिका और यूके भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्होंने कहा कि ये देश हमसे कहीं संपन्न हैं लेकिन ये ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लिहाजा हमें भी बैलेट के जरिए चुनाव कराना चाहिए। शहर में मतदाता पढ़े-लिखे होते हैं, लेकिन गांव में लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि उनका वोट किसे गया।