बोले अखिलेश- मुझे शिवपाल मंजूर, नेताजी को तंग मत करो
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दोबारा पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे कार्यकर्ताओं को अखिलेश ने संदेश देकर शांत कराने की कोशिश की है कि शिवपाल यादव ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे।
अखिलेश ने कहा कि कोई भी कार्यकर्ता नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को परेशान करने की कोशिश ना करे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर शिवपाल यादव उन्हें मंजूर हैं।
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फोन किया और कहा कि अपने समर्थकों को मेरे घर से हटाओ।
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अखिलेश और डिंपल यादव के समर्थन मे नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ता सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के लखनऊ स्थित घर का घेराव करने पहुंचे थे।
इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को मुलायम आवास की तरफ बढ़ने से रोका। मुलायम सिंह से मिलने जा रहे शिवपाल यादव का काफिला भी अखिलेश समर्थकों ने रोक लिया। अखिलेश समर्थकों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प और धक्का-मुक्की भी हुई।
गौरतलब है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच समझौता होने के एक दिन बाद ही मामला उस वक्त फिर से गर्मा गया जब शनिवार सुबह हजारों की संख्या में युवा सपा कार्यकर्ता अखिलेश और डिंपल के समर्थन में नारेबाजी करते हुए लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय पहुंचे।
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कार्यकर्ताओं ने अखिलेश को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की। सपा मुख्यालय पर अपनी बात सुनते ना देख मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थक मुलायम सिंह यादव के घर का घेराव करने पहुंचे, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोका।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थन में पहुंचे सपा की 4 युवा इकाईयों के प्रदेश अध्यक्षों ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से साफ शब्दों में कहा है कि वे किसी भी कीमत पर शिवपाल के नेतृत्व में काम नहीं करेंगे।
इस बीच शिवपाल यादव के समर्थक भी सपा कार्यालय पर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। हालात कुछ ऐसे हो गए कि शिवपाल और अखिलेश के समर्थक आमने-सामने आ गए। सपा समर्थकों ने पेड़ पर चढ़कर अखिलेश के समर्थन में नारेबाजी की।
उन्होंने कहा कि नेताजी ने सभी का सम्मान लौटा दिया, अब उन्हें मुख्यमंत्री का भी सम्मान लौटाना चाहिए। सीएम समर्थकों ने कहा कि अखिलेश जैसा विकास किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री ने नहीं किया है।
वहीं सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने मुलायम सिंह यादव से नेतृत्व बदलने की मांग की है। भदौरिया ने कहा कि नेताजी को अब पार्टी युवा हाथों में सौंप देनी चाहिए। भदौरिया ने कहा कि नेताजी युद्ध के बीच में सेनापति को ना बदलें।