अखिलेश बोले सरकार ने कहा कि 'मैं नल की टोटी उखाड़ ले गया, चलिए फिर लगवा देता हूं'
कन्नौज। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को कन्नौज पहुंचे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार सरकारी बंगले में तोड़-फोड़ को बेवजह का मुद्दा बना रही है। अखिलेश यादव इटावा के सैफई से लखनऊ वापसी करते समय कन्नौज के फगुहा भट्ठा के पास रुके थे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार किसी भी मुद्दे से जनता का ध्यान बंटाने में माहिर है। कैराना तथा नूरपुर में हार के बाद साजिश के तहत अब हमको बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने चार विक्रमादित्य मार्ग के जिस बंगला को खाली किया है, उसके हालात रहने लायक नहीं थे। हमने तो उसको खुद सजाया था और खुद का सामान निकाला है। बंगला में तोडफ़ोड़ का मामला फर्जी तरह से तैयार कर बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार से तो मैं पहले भी कहा चुका हूं कि सरकार कपंनी का नाम बताए, मैं वहां पर सभी टोंटियां लगवा दूंगा। इसके साथ ही सरकार कह रही है कि मैंने बड़ा नुकसान किया है, अगर नुकसान किया है तो मुझे नोटिस भेजने के साथ उन सभी वस्तुओं का बिल भेजे जिनका मेरे ऊपर तोडऩे का आरोप लगा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में जहां सीएम योगी आदित्यनाथ बैठते हैं, वहां दोनों तरफ जो जालियां लगीं हैं, वो समाजवादी हैं। वहां भी हमने कई सामान लगवाया है, क्या सरकार वो वापस करेगी। उन्होंने कहा कि नेता जी ने कार्यालय के हॉल में एसी लगवाया था, जिसे भाजपाइयों ने उखाड़ लिया और हॉल तोड़ दिया, यह है असली तोडफ़ोड़।
बीजेपी
की
नजर
में
जान
की
कीमत
सिर्फ
मुआवजा
पूर्व
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
ने
एक्सप्रेस
वे
पर
हुए
हादसे
को
दर्दनाक
घटना
बताया।
उन्होंने
इसका
जिम्मेदार
रोडवेज
बस
चालक
और
सरकार
को
ठहराया।
उन्होंने
कहा
कि
लखनऊ-आगरा
एक्सप्रेस-वे
खटारा
रोडवेज
बसों
के
लिए
नहीं
है।
प्रदेश
सरकार
को
अगर
एक्सप्रेस
वे
पर
बस
चलवाना
है
तो
अच्छी
कंडीशन
वाली
चलवाये,
वॉल्वो
जैसी
चलवाये।
मुआवजा
के
सवाल
पर
बोले
बीजेपी
जान
की
कीमत
मुआवजे
से
आंकती
है,
जान
की
कोई
कीमत
नहीं
होती।
अगर
उन्हें
मुआवजा
ही
देना
था
तो
20
से
50
लाख
देते,
ताकि
उनके
परिवार
की
स्थिति
सुधरे।