लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अजीत सिंह ने की राजनीतिक सन्यास की घोषणा
बागपत। कैराना उपचुनाव में पूरी तरह से सक्रिय भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह ने मंगलवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी। इसके पीछे उन्होंने अपनी उम्र का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अब वो 80 साल के हो चुके हैं। उनके लिए बेहतर है कि वह चुनाव से दूर रहें।
मंगलवार को बागपत में प्रेस वार्ता के दौरान आरएलडी मुखिया अजीत सिंह ने बड़ा बयान दिया है। अजीत सिंह ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उम्र का हवाला देते हुए कहा है कि उनकी उम्र 80 साल हो चुकी है इसलिए वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके इस बयान को सक्रिय राजनीति से किनारा करने से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि वह कुछ दिन पहले ही कैराना उपचुनाव में पूरी तरह सक्रिय थे और उनकी पार्टी की प्रत्याशी इसमें विजयी भी रही थी।
अजीत सिंह ने कहा कि महागठबंधन में आना सभी पार्टियों में मजबूरी हैं। इसे वक्त की जरुरत बताते हुए उन्होंने कहा कि जो पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की कोशिश करेगी वह पार्टी समाप्त हो जाएगी। जब सब पार्टियां एक साथ लड़ेंगी तभी अपना वजूद बचा पााएंगी।
संसद में चली डिबेट पर मोदी पर हमला बोलते हुए अजित सिंह ने कहा कि डिबेट के बाद लोग समझ गए है कि मोदी हार रहा है साथ ही राहुल गाँधी द्वारा पीएम के गले पर तंज कसते हुए कहा पीएम राहुल गांधी की झप्पी का पीएम मोदी जवाब नहीं दे पाये। अजित सिंह बागपत पहुँचे थे जहाँ उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक ली और इस दौरान प्रेस वार्ता में के दौरान अजीत अजित सिंह ने चुनाव ना लड़ने की बात कही।
अजीत सिंह के पुत्र जयंत चौधरी अब राजनीतिक रुप से पूरी तरह से सक्रिय हैं। वह 2014 का लोकसभा चुनाव बागपत से हार गए थे लेकिन उसके बाद से वह जाटों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हुए हैं।
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