Kerala Exit Poll: लेफ्ट सरकार की शानदार वापसी, भाजपा को शून्य
तिरुवनंतपुरम, अप्रैल 29: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का शोर थम चुका है। अब सबको परिणामों का इंतजार है। ऐसे में चुनावी जंग के बीच क्या लेफ्ट अपना आखिरी किला यानी केरल को बचा पाएगा या फिर केरल में कांग्रेस की वापसी होगी या इन सबसे अलग बीजेपी कुछ नया करेगी। इस पर सबकी नजर है। हालांकि ये तस्वीर 2 मई को साफ हो जाएगी, लेकिन इससे पहले एग्जिट पोल संभावित विजेताओं की एक तस्वीर साफ कर देगी।
इंडिया टुडे-माय एक्सिस के एग्जिट पोल के अनुसार एलडीएफ को 104-120 सीटें मिल रही है, जबकि यूडीएफ को 20-36 सीटे मिलती दिखाई दे रही हैं। वहीं अगर बीजेपी की बात करें तो शून्य से दो सीटें मात्र भाजपा के खाते में दिख रही हैं। अन्य का भी बीजेपी की तरह शून्य से दो सीटें मिलती नजर आ रही हैं।
रिपब्लिक और सीएनएक्स के एग्जिट पोल के मुताबिक एलडीएफ को 72 से 80, यूडीएफ को 58 से 64, बीजेपी को शून्य से 5 सीटें मिलती नजर आ रही है, जबकि अन्य के खाते में एक भी सीटें नहीं जाती दिख रही हैं।
एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल के मुताबिक केरल में लेफ्ट की हो वापसी हो रही है। लेफ्ट यानी एलडीएफ को जहां 71 से 77 सीटें मिलती दिख रही है। कांग्रेस यानी यूडीएफ को 62 से 68 सीटों पर सफलता मिल रही है। वहीं बीजेपी को शून्य से दो सीटें पर संतोष करना होगा।
टाइम्स नाउ-सी वोटर एग्जिट पोल ने अनुमान के मुताबिक इस बार एलडीएफ को 74 सीटों से संतोष करना होगा यानी पिछली बार से 17 सीटें माइनस में है। यूडीएफ को बढ़त मिलती नजर आ रही है। 65 सीटों के साथ कांग्रेस को 18 सीटों का फायदा मिल रही है। वहीं बीजेपी को एक सीट से ही संतोष करना होगा।
केरल में 140 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग हुई थी। यहां 73.58 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई। केरल में बीजेपी की सरकार लाने के लिए पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने जमकर रैली की और लोगों से जमकर वादे भी किए। वहीं केरल मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी अपनी खूब सक्रियता दिखाईं। उन्होंने केरल से कई मुद्दों को उठाया, जो बाद में नेशनल डिबेट का हिस्सा तक बन गए।
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वहीं अगर पिछले चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो केरल में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने 91 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता पर अपनी पकड़ बनाई थी। पिनरई विजयन ने केरल के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ थी। वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) दूसरे नंबर पर रहा था। इस बार दोनों पार्टियों के बीच कड़ी जंग देखी जा रही हैं।