घर में गुब्बारे से खेल रहा था 10 महीने का बच्चा, अचानक निगल लिया, डॉक्टर भी न बचा पाए जान
सूरत। गुजरात में सूरत की चलथान इलाका स्थित एक घर में 2 बच्चे खेल रहे थे। वे दोनों भाई थे। जो छोटा था, उसका नाम आदर्श पांडे था। उसकी उम्र 10 महीने की थी। वह अपने ढाई साल के भाई प्रियांशु पांडे के साथ गुब्बारे से खेल रहा था। तभी गुब्बारा उसने अपने मुंह में डाल लिया। वह गुब्बार गले में फंस गया। मां को पता चला तो रोने-चिल्लाने लगी। बच्चे को फौरन अस्पताल ले जाया गया। मगर, बच्चे की जान नहीं बची। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूरत की घटना
यह दुखद घटना चलथान इलाके की शिवसाई अपार्टमेंट में घटी। अब वहां बच्चे के परिजन बिलख रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, गुब्बारा गेंदनुमा था। वह रबर का था, जो बच्चे के गले में फंसा। पहले तो घर पर उसकी मां ने ही गुब्बारे को बच्चे के गले से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वह बाहर नहीं निकला। उसके बाद माता-पिता बच्चे को लेकर किसी अस्पताल में गए। हालांकि, कई अस्पतालों में भी गुब्बारा बच्चे के गले से नहीं निकाला जा सका। अंत में सूरत सिविल अस्पताल पहुंचे।
10 महीने का था बच्चा
बच्चे की मां फूलकुमारी पांडे है। मां के मुताबिक, उसका 10 महीने का बच्चा, जिसका नाम आदर्श पांडे था, वह और उसका भाई घर पर ही गुब्बारे से खुशी-खुशी खेल रहे थे। मां तब रसोई घर में काम कर रही थी। कुछ देर बाद उसे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी तो वो दौड़ी आई। तब अपने ढाई साल के दूसरे बच्चे को वजह पूछी। उसके बाद आदर्श के मुंह को चेक किया, तब पता चला कि उसने गुब्बारेनुमा गेंद निगल ली है। महज 10 महीने का होने के कारण बच्चे को गेंद से असहनीय पीड़ा हो रही थी।
नहीं बच पाई जान
मां के अलावा अन्य परिजनों को घटना का पता चला, तब वे उसे अस्पताल लेकर गए। हालांकि, उन अस्पतालों में बच्ची के गले की समस्या दूर नहीं हुई। बताया जा रहा है कि, मां बच्चे को 5 डॉक्टरों के पास ले गई थी, लेकिन वे सभी असफल रहे। अंततः बच्चे को सिविल अस्पताल लाया गया। सिविल के डॉक्टरों का कहना है कि, बच्चे केा बचाया नहीं जा सका। उसे मृत घोषित कर दिया गया है।
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